Karnataka Cabinet Expansion: 17 महीनों में तीसरी बार येदियुरप्पा कैबिनेट का विस्तार, कई नेता हुए नाराज

Karnataka Cabinet Expansion: शपथ ग्रहण करने वाले सात मंत्रियों में उमेश कट्टी, अरविंद लिम्बावली, एमटीबी नागराज, मुरुगेश निरानी, आर शंकर, सी पी योगेश्वर और एस अंगारा शामिल थे। येदियुरप्पा की आलोचना करने वाले विजयपुरा सिटी के विधायक बी. पाटिल यत्नाल ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि वह वरिष्ठता और ईमानदारी को ध्यान में रखे बगैर ब्लैकमेल होकर नियुक्तियां कर रहे हैं।;

Update: 2021-01-13 12:12 GMT

कर्नाटक में बुधवार को येदियुरप्पा सरकार की कैबिनेट में सातवीं बार नये मंत्रियों ने शपथ ली है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा द्वारा अपने 17 महीने पुराने कैबिनेट में विस्तार के लिए नये मंत्रियों ने शपथ दिलाई गई। इस शपथ के साथ ही राज्य भाजपा में नाराजगी की स्थिति पैदा हो गई है। क्योंकि नए नामों की घोषणा करने के बाद कई भाजपा नेता नाराज हो गये है। इससे भाजपा में कलेश की स्थिति पैदा होती दिखाई दे रही है। सत्तारूढ़ दल के विधायकों ने जनता द्वारा नहीं निर्वाचित एमएलसी को मंत्री बनाए जाने, कुछ क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व में कमी और उनकी वरिष्ठता और काम पर ध्यान नहीं दिए जाने को लेकर नाराजगी जतायी।

आपको बता दें कि शपथ ग्रहण करने वाले सात मंत्रियों में उमेश कट्टी, अरविंद लिम्बावली, एमटीबी नागराज, मुरुगेश निरानी, आर शंकर, सी पी योगेश्वर और एस अंगारा शामिल थे। येदियुरप्पा की आलोचना करने वाले विजयपुरा सिटी के विधायक बी. पाटिल यत्नाल ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि वह वरिष्ठता और ईमानदारी को ध्यान में रखे बगैर ब्लैकमेल होकर नियुक्तियां कर रहे हैं। मुख्यमंत्री और उनके परिवार पर कर्नाटक भाजपा को हाईजैक करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वह राज्य को येदियुरप्पा परिवार के वंशवाद की राजनीति से मुक्त कराएं।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री उन्हें ब्लैकमेल करने वालों को मंत्री बना रहे हैं। तीन लोग एक राजनीतिक सचिव और दो मंत्री पिछले तीन महीने से येदियुरप्पा को सीडी के माध्यम से ब्लैकमेल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनमें से एक आज मंत्री बनेगा, सीडी से ब्लैकमेल के अलावा विजयेन्द्र (मुख्यमंत्री के पुत्र) को धन देना भी शामिल है। वहीं भाजपा आलाकमान की ओर से निर्देश दिए गए थे कि इस बार वरिष्ठों और वफादारों को ज्यादा एहमियत दी जानी चाहिए। ऐसे में शपथ लेने वालों में सात में से सिर्फ दो ही दागी मंत्री हैं।

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