Kerala plane crash: जब पायलट दीपक साठे ने 36 साल के अनुभव से बचाई यात्रियों की जान, नहीं होने दिया बड़ा हादसा

केरल के कोझीकोड एयरपोर्ट पर हुए प्लेन क्रैश हादसे को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। जिसमें बताया जा रहा है कि हादसे के दौरान प्लेन के पायलट ने अपने 36 साल के अनुभव से ज्यादातर यात्रियों की जान बचाई थी।;

Update: 2020-08-08 11:47 GMT

केरल के कोझीकोड एयरपोर्ट पर हुए प्लेन क्रैश हादसे को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। जिसमें बताया जा रहा है कि हादसे के दौरान प्लेन के पायलट ने अपने 36 साल के अनुभव से ज्यादातर यात्रियों की जान बचाई थी।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्लेन ने एयरपोर्ट पर तीन बार चक्कर लगाए। ताकि प्लेन का फ्यूल खत्म हो जाए। पायलट दीपक साठे ने प्लेन क्रैश होने से पहले ही इंजन को ऑफ कर दिया था। ताकि हादसे के वक्त इंजन में आग ना लगे और इसकी वजह से 169 यात्रियों की जान पायलट की वजह से बच सकें।

बता दें कि एयर इंडिया के पायलट दीपक वसंत साठे एयरफोर्स में 21 साल काम कर चुके हैं। इस वक्त वह कोरोना की वजह से विदेशों में फंसे भारतीयों को वंदे भारत मिशन के तहत भारत लेकर आ रहे थे। एयर इंडिया के पायलट दीपक साठे ने अनुभव और सूझबूझ से 169 यात्रियों को बचा लिया।

अगर पायलट ने सूझबूझ नहीं दिखाई होती तो हो सकता था कि लैंडिंग के वक्त प्लेन पूरी तरह क्रैश हो जाता और उसमें आग लग जाती। इसकी वजह से सभी यात्री मारे जाते। लेकिन दीपक के दोस्त नीलेश साठे ने भी फेसबुक पोस्ट कर बताया कि जिस तरह से दीपक ने अपनी सूझबूझ और अनुभव से किस तरह प्लेन को आग लगने से बचाया और इस तरह ज्यादातर यात्रियों की जान को बचा लिया गया।

मिली जानकारी के मुताबिक, कोझीकोड एयरपोर्ट पर लैंडिंग से पहले पायलट साठे ने 3 चक्कर लगाए ताकि फ्यूल खत्म हो जाए और वहीं जब तीन चक्कर पूरे हो गए। उसके बाद साठे ने लैंड किया। इसी दौरान राइट विंग टूट गया था और इसकी वजह से प्लेन में आग नहीं लगी। दीपक को एनडीए पासआउट और स्वॉर्ड ऑफ ऑनर अवॉर्डी थे। 

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