जानें कैसे हुई साध्वी प्रज्ञा की पॉलिटिकल में एंट्री, ये थे रेस में शामिल
कांग्रेस द्वारा भोपाल सीट पर उतारे गए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से मुकाबला करने के लिए भाजपा को हिंदूवादी छबि का चेहरा चाहिए था।;
कांग्रेस द्वारा भोपाल सीट पर उतारे गए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से मुकाबला करने के लिए भाजपा को हिंदूवादी छबि का चेहरा चाहिए था। उमा भारती के लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार करने के बाद यह चेहरा खोज रही संघ और उसके अनुषांगिक संगठनों की टीम के सामने घूम-फिरकर साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का नाम ही आ रहा था। मालेगांव विस्फोट कांड में नाम आने के साध्वी प्रज्ञा की पक्की हिंदूवादी छबि उमा भारती से भी ज्यादा बन गई है।
प्रज्ञा सिंह समर्थक और संघ के आनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ता प्रज्ञा सिंह द्वारा झेली गई 9 साल जेल की प्रताड़ना का कारण कथित तौर पर कांग्रेस नेताओं खासतौर पर दिग्विजय सिंह को ही मानते रहे हैं। ऐसे में प्रज्ञा सिंह और दिग्विजय सिंह एक दूसरे के पक्के विरोधी माने जाते हैं। दिग्विजय सिंह के खिलाफ भाजपा द्वारा भोपाल सीट पर प्रत्याशी चयन में हुई देरी के बाद संघ खेमे के आनुषांगिक संगठनों विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, वनवंधु परिषद, सहकार भारती आदि ने सक्रियता बढ़ाई।
इसके बाद संघ खेमे की तरफ से भोपाल सीट से साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का नाम आगे बढ़ाया गया। केन्द्रीय नेतृत्व ने भी उनके नाम पर सहमत जता दी। हालांकि केन्द्रीय चयन समिति और मप्र से जुड़े कुछ बड़े नेता शुरुआत में साध्वी प्रज्ञा के बजाय दूसरे नामों को आगे बढ़ा रहे थे, लेकिन बाद में वे भी साध्वी प्रज्ञा के नाम पर राजी हो गए। साध्वी प्रज्ञा सिंह को टिकट दिलाने में संघ के प्रांत संघ चालक सतीश पिंपलेकर, क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुते, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत आदि की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
रामलाल लेकर आए दिल्ली से संदेश
प्रज्ञा सिंह का नाम तय हो जाने के बाद मंगलवार सुबह ही प्रज्ञा सिंह के पास भाजपा की ओर से फोन गया और उनके मतदाता क्रमांक, मतदान केन्द्र, पता आदि के बारे में जानकारी ली गई। इसके बाद दोपहर साढ़े बारह से प्रदेश भाजपा कार्यालय में बड़े नेताओं की बैठक हुई, जिसमें प्रज्ञा सिंह ठाकुर के भोपाल से प्रत्याशी बनाए जाने पर सहमित बन गई। शाम को राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल भोपाल पहुंचे और दिनभर चली बैठक की रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को दी। जिसके बाद प्रज्ञा सिंह को भाजपा की सदस्यता दिलाने के लिए कहा गया।
बुधवार को सुबह साढ़े ग्यारह बजे प्रज्ञा सिंह भाजपा कार्यालय पहुंची और उनको राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा, मप्र भाजपा के प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत, प्रदेश उपाध्यक्ष बिजेश लूणावत आदि की उपस्थिति में प्रज्ञा सिंह को भाजपा की सदस्यता दिलाई गई। इसकी सूचना केन्द्रीय भाजपा कार्यालय को दी गई। जिसके बाद लगभग शाम पौने चार बजे दिल्ली में घोषित की गई भाजपा की सूची में मप्र की चार सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा की गई, जिसमें प्रज्ञा सिंह का नाम भी शामिल है।
यह नाम भी थे दौड़ में शामिल
पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और शिवराज सिंह चौहान के इंकार करने के बाद सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा के नाम भोपाल सीट से दावेदारों में बचे थे। पार्टी की रणनीति के हिसाब से दावेदारों में साध्वी प्रज्ञा सिंह का नाम शामिल किया गया और उन्हें टिकट मिला।
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