#India लोकसभा चुनाव 2019 के चौथे चरण का मतदान क्यों है खास, जानिए दस बड़ी बातें...
देश में 17वीं लोकसभा चुनाव के लिए चौथे चरण की वोटिंग जारी है। सात चरणों में होने जा रहे इस आम चुनाव के चौथे चरण में 9 राज्यों की 72 लोकसभा सीटों पर मतदान किया जा रहा है।;
देश में 17वीं लोकसभा चुनाव के लिए चौथे चरण की वोटिंग जारी है। सात चरणों में होने जा रहे इस आम चुनाव के चौथे चरण में 9 राज्यों की 72 लोकसभा सीटों पर मतदान किया जा रहा है। 23 मई को तय हो जाएगा कि देश में किसकी सरकार बनेगी। चौथे चरण के मतदान को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को भी मिल रहा है। चौथे चरण का चुनाव कई मायनों में महत्वपूर्ण है क्योंकि कई दिग्गजों का किस्मत ईवीएम में शाम 7 बजे तक कैद हो जाएगा।
चौथे चरण में सबसे चर्चित सीट ये हैं जिन पर कई दिग्गजों की साख दांव पर है।
उम्मीदवार | सीट |
डिंपल यादव | कन्नौज |
सलमान खुर्शीद | फर्रुखाबाद |
श्रीप्रकाश जायसवाल | कानपुर |
कन्हैया कुमार | बेगुसराय |
वैभव गहलोत | जोधपुर |
नकुलनाथ | छिडवाड़ा |
बाबुल सुप्रीयो | आसनसोल |
मुनमुन सेन | आसनसोल |
लोकसभा चुनाव 2019 के चौथे चरण की 10 बड़ी बातें
1. चौथे चरण में दो मुख्यमंत्री के बेटे भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैॆॆं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ छिडवाड़ा से और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत जोधपुर से मैदान में हैं।
2. चौथे चरण में महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 17 सीटों पर मतदान होगी। प्रिया दत्त, उर्मिला मातोंडकर, पूनम महाजन और मुरली देवड़ा जैसे दिग्गज मैदान में हैं।
3. बिहार में 5 सीटों पर आज होगा मतदान। जिसमें सभी की निगाहें बेगुसराय सीट पर होंगी। यहां जेएनयू में कथित भारत विरोधी नारों के बाद चर्चा में आए कन्हैया कुमार और पूर्व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बीच दिलचस्प मुकाबला है। एक तरफ कन्हैया वामपंथी विचारधारा की छवि लेकर चुनावी मैदान में हैं तो वहीं गिरिराज सिंह भाजपा के फायर ब्रांड नेता के रुप में विख्यात हैं। गिरिराज सिंह की छवि एक हिन्दुत्ववादी विचारधारा वाले नेता के रुप में चर्चित है।
4. इस चरण में कन्नौज सीट पर सभी की नजरें होंगी, जहां यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव मैदान में हैं। 2014 के आम चुनाव में डिंपल को मामूली अंतर से जीत मिली थी। ऐसे में यहां मुकाबला दिलचस्प हो गया है। वहीं फर्रुखाबाद से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद मैदान में है।
5. कानपुर से कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल की किस्मत ईवीएम में कैद होगी। बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने यहां से लगातार तीन बार सांसंद रहे श्रीप्रकाश जायसवाल को हराया था। लेकिन इस भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी नहीं हैं इस बार उनके स्थान पर सत्यदेव पचौरी चुनाव मैदान में हैं। अब भाजपा के सामने अपना गढ़ बचाने की चुनौती है।
6. समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र से लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान के भाई रामचंद्र पासवान मैदान में हैं। वे यहां के वर्तमान सांसद भी हैं। उनका मुकाबला महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी रामचंद्र पासवान से है। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर बीते चुनाव में भी इन्हीं दोनों के बीच मुकाबला हुआ था, जिसमें रामचंद्र पासवान केवल 6872 वोटों से जीते थे। इसके पहले 2009 के चुनाव में यहां जदयू के महेश्वर हजारी ने रामचंद्र पासवान को शिकस्त दी थी।
7. राजस्थान की बाड़मेर सीट से कांग्रेस के टिकट पर मानवेन्द्र सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। मानवेंद्र 2004 की आम चुनाव में बाड़मेर से सांसद रह चुके हैं जो भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह के बेटे हैं। 2014 में जसवंत सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े थे लेकिन बीजेपी के कर्नल सोनाराम से हार गये थे।
8. उन्नाव से मौजूदा सांसद साक्षी महाराज बीजेपी के टिकट पर फिर से चुनाव मैदान में हैं। टिकट मिलने से पहले साक्षी महाराज की एक चिट्ठी की खूब चर्चा रही जिसके जरिये आलाकमान को उन्होंने अपने तरीके से खूब धमकाया था। अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में अक्सर रहने वाले साक्षी महाराज ने वोट देने को लेकर भी श्राप देने की बात कही थी। सपा-बसपा गठबंधन ने अरुण शंकर शुक्ला उर्फ अन्ना महराज को टिकट दिया है। कांग्रेस ने पूर्व सांसद अन्नू टंडन को लगातार तीसरी बार उम्मीदवार बनाया है।
9. मुंगेर लंबे अरसे से बाहुबली नेता अनंत सिंह का इलाका रहा है। मुंगेर लोकसभा सीट से इस बार चुनाव मैदान में महागठबंधन की उम्मीदवार उनकी पत्नी नीलम देवी हैं, जिन्हें कांग्रेस ने टिकट दिया है। मुंगेर में भी मुकाबला दिलचस्प होने वाला है जहां अनंत सिंह की पत्नी के खिलाफ एनडीए प्रत्याशी राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह हैं। ललन सिंह जेडीयू के नेता हैं और नीतीश सरकार में काफी दबदबा रखते हैं।
10. चौथे चरण में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए काफी कुछ दांव पर है, क्योंकि 2014 के चुनावों में पार्टी को इन 72 सीटों में से 56 सीटें मिली थीं। वहीं, कांग्रेस को महज दो, तृणमूल कांग्रेस को छह और बीजू जनता दल (बीजद) को छह सीटें मिली थीं।
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