Lok Sabha Elections Results : जानिए किस तरह से होती है मतगणना, वोटिंग मशीन EVM और VVPAT से ऐेसे निकलेंगे नतीजे
भारत में लोकसभा चुनाव 2019 का मतदान 19 मई को समाप्त हो गया है। अब 23 मई को चुनाव के परिणाम (Lok Sabha Elections Results) आ रहे हैं, इसी दिन वोटो की गिनती के साथ मालूम चल जाएगा कि इस बार देश में किसकी सरकार बन रही है।;
Lok Sabha Elections Results 2019 : भारत में लोकसभा चुनाव 2019 का मतदान 19 मई को समाप्त हो गया है। अब 23 मई को लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम (Lok Sabha Elections 2019 Results) आ रहे हैं, इसी दिन वोटो की गिनती के साथ मालूम चल जाएगा कि इस बार देश में किसकी सरकार बन रही है। ऐसे में कुछ लोगों के जहन में एक बात चल रही है कि आखिर ईवीएम (EVM) से हुए चुनावों में मतगणना किस तरह होती है। तो चलिए आपको हम बताने जा रहे हैं कि किस तरह से ईवीएम से हुए चुनावों में मतगणना कैसे होगी।
EVM मतगणना
मशीनों में ईवीएम (EVM) के साथ वीवीपैट (VVPAT) जोड़ा गया है और पर्चियों का मिलान भी होना है। प्रक्रिया के मुताबिक सबसे पहले ईवीएम के सीयू (कंट्रोल यूनिट) के रिजल्ट बटन से वोट की गणना होगी। इसके बाद पांचों वीवीपैट परिणाम से सीयू से मिले आंकड़ों को मिलाया जाएगा।
पिजन होल बॉक्स की पर्चियों की संख्या से भी वोटों की संख्या का मिलान किया जाएगा। ये पर्चियां ईवीएम के दाईं तरफ से निकलती हुईं दिखी थी। इन पर्चियों की गणना भी वोटों की गिनती के साथ हुई थीं।
पिछली बार हुआ विवाद
साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव की जब मतगणना की गई थी उस समय ईवीएम को लेकर विवाद हुआ था। इसके बाद ये मामले सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पहली बार पांच वीवीपैट का वोटों की गिनती में इस्तेमाल हो रहा है। बताया जाता है कि ऐसे में वोटों की गिनती में किसी भी तरह कि हेराफेरी पूरी तरह समाप्त हो जाती है।
ऐसे में आपको जानना जरूरी हो जाता है कि वोटिंग मशीन ईवीएम में कैद आपका हर वोट पूरी तरह सुरक्षति है। इससे छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। वोटिंग के खत्म होने के बाद वोटिंग मशीन ईवीएम को स्ट्रांग रूम में रखे गए उन्हें मतगणना के दिन निकाले जाएंगे। इसके बाद मतगणना केंद्रों पर वोटों की गिनती शुरू होगी।
8 बजे होगी वोटों की गिनती शुरू
आपको बता दें कि 23 मई को सुबह आठ बजे लोकसभा की कुल 543 सीटों पर वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। इसके ठीक आधे घंटे बाद रुझान आने शुरू हो जाएंगे। यहां पर रिटर्निंग ऑफिसर के अलावा चुनाव में खड़े उम्मीदवार, चुनाव एजेंट, गिनती एजेंट भी रहेंगे, ऑफिशियल कैमरे से इसकी वीडियोग्राफी होगी।
बता दें कि सबसे पहले मतगणना केंद्र पर पोस्टल बैलेट गिनती होती है। पोस्टल बैलेट सर्विस वोटर, चुनाव के इंप्लाई होते हैं। फिर वोटिंग मशीन ईवीएम खुलना शुरू होते हैं। पोस्टल बैलेट भी अब ईवीएम के साथ काउंटिंग टेबल पर पहुंच जाते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक एक बार में ज्यादा से ज्यादा 14 ईवीएम की गिनती की जाती है।
मतगणना केंद्र पर तैनात पर्यवेक्षक की मुख्य ड्यूटी भी यहां से शुरू हो जाती है। वह पहले ईवीएम की सुरक्षा जांच करते हैं कि कहीं उसके साथ छेड़छाड़ तो नहीं की गई है। चुनाव अधिकारी का काम बटन दबाकर वोट की गणना करना होता है।
उसके बाद ईवीएम का कंट्रोल यूनिट का रिजल्ट बटन दबाने पर ही कुल वोटों का पता चल जाता है। साथ ही यह भी पता चलता है कि किस प्रत्याशी को कितने वोट मिले। वोटों की गिनती का मिलान पांचों वीवीपैट से करके रिटर्निंग ऑफिसर को भेजा जाता है।
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