Budget Session: केंद्रीय शैक्षणिक संस्था (शिक्षक के कॉडर में आरक्षण) विधेयक 2019 को लोकसभा में मिली मंजूरी
केंद्रीय शैक्षणिक संस्था (शिक्षक के काडर में आरक्षण) विधेयक 2019 को सोमवार को लोकसभा में पारित कर दिया गया है। इस विधेयक में केंद्रीय शैक्षणिक संस्थाओं और शिक्षकों के काडर में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों की सीधी भर्ती द्वारा नियुक्तियों में पदों के आरक्षण और उससे संबंधित विषयों का उपबंध का प्रावधान है।;
केंद्रीय शैक्षणिक संस्था (शिक्षक के काडर में आरक्षण) विधेयक 2019 को सोमवार को लोकसभा में पारित कर दिया गया है। इस विधेयक में केंद्रीय शैक्षणिक संस्थाओं और शिक्षकों के काडर में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों की सीधी भर्ती द्वारा नियुक्तियों में पदों के आरक्षण और उससे संबंधित विषयों का उपबंध का प्रावधान है।
Lok Sabha passes the Central Educational Institutions (Reservation in Teachers' Cadre) Bill, 2019. pic.twitter.com/w5bvtbQeza
— ANI (@ANI) July 1, 2019
लोकसभा में मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने केंद्रीय शैक्षणिक संस्था (शिक्षकों के काडर में आरक्षण) विधेयक-2019 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इस विधेयक से यह बात प्रमाणित हो गई कि नरेंद्र मोदी सरकार को कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति की चिंता है।
निशंक ने आगे कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के कथन का हवाला देते हुए कहा कि एक तरफ वे कह रहे हैं कि अध्यादेश क्यों लाया गया और दूसरी तरफ वे कहते हैं कि यह बहुत महत्वपूर्ण विषय है। आज इनका चेहरा बेनकाब हो गया है।
उन्होंने कहा कि अगर न्यायालय का आदेश का पालन किया जाता तो हमारह अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ों को सामाजिक न्याय नहीं मिल पाता। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से देश की शिक्षा व्यवस्था में एक नए अध्याय की शुरुआत होगी।
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