मध्यप्रदेश में ऐसे बच सकती है मुख्यमंत्री कमलनाथ की कांग्रेस सरकार
मध्यप्रदेश में 20 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई है। हालांकि अभी भी सीएम कमलनाथ के पास सरकार को बचाने का फॉर्मूला है। मध्यप्रदेश सरकार को गिरने से इस फॉर्मूले के जरिए बचाया जा सकता है।;
मध्यप्रदेश की राजनीति में ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे के बाद भूचाल आ गया है। प्रदेश मुख्यमंत्री कमलनाथ की कांग्रेस सरकार संकट में आ गई है। बहुमत के लिए जरूरी जादुई आंकड़े से सरकार नीचे आ गई है। जबकि भाजपा के पास अब सदन में बहुमत है। ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव लाकर भाजपा कभी भी कमलनाथ सरकार को पटल पर गिरा सकती है। इसके अलावा शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन सकते हैं। हालांकि अभी भी मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार इस गणित से बच सकती है।
मध्यप्रदेश में ऐसे बच सकती है कांग्रेस सरकार
कांग्रेस पार्टी के 20 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद सदन में कांग्रेस विधायकों की संख्या घटकर 94 रह गई है। इसके अलावा 7 निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है। यानि की कांग्रेस के पास 101 विधायकों का समर्थन है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के पास अभी 107 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। कांग्रेस से जिस तरह से 20 विधायक इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए हैं। ठीक इसी तरह भाजपा के 7 विधायकों के कम से कम कांंग्रेस को इस्तीफे दिलवाने होंगे। जिसके बाद भाजपा के पास 100 विधायक और कांग्रेस के पास 101 विधायक होंगे। फिलहाल कमलनाथ के पास सरकार बचाने का बस यही विकल्प मौजूद है।
उप चुनाव में भाजपा को दे सकते हैं कड़ी टक्कर
मध्यप्रदेश के सियासी संकट के बीच इस्तीफों को दौर जारी है। 230 सीटों वाली विधानसभा में 20 विधायकों ने इस्तीफे दे दिए हैं। इसके अलावा 2 सीटें पहले से खाली चल रही हैं। ऐसे में इन 22 सीटों पर जल्द चुनाव आयोग उप चुनाव कराएगा। इन 22 सीटों में से जो पार्टी सबसे ज्यादा सीट जीतेगी वही प्रदेश को स्थायी नेतृत्व दे पाएगी। भले कमलनाथ सरकार अविश्वास प्रस्ताव के दौरान गिर जाए। लेकिन उप चुनाव में 22 में से अधिकतम सीटें जीतने पर दोबारा से भी सरकार बना सकती है।