मध्यप्रदेश में फेल हो सकती है भाजपा की रणनीति! कांग्रेस ने किया अब ये दावा

मध्यप्रदेश में 22 विधायकों का इस्तीफा दिलवाने वाली भाजपा की रणनीति फेल हो सकती है। इस्तीफा देने वाले कांग्रेस विधायक दोबारा से पार्टी में लौट सकते हैं। ऐसे में मध्यप्रदेश में भाजपा के सरकार बनाने की कोशिशें धूमिल हो सकती हैं।;

Update: 2020-03-11 08:41 GMT

मध्यप्रदेश की राजनीति में 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद भूचाल आ गया है। भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाने की तैयारी कर ली है। लेकिन भाजपा की कोशिशें अभी भी धूमिल हो सकती हैं। मध्यप्रदेश में सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस ने बड़ा दावा किया है। कांग्रेस का कहना है कि इस्तीफा देने वाले 22 विधायक मुख्यमंत्री कमल नाथ के संपर्क में हैं। आधे से ज्यादा विधायक कांग्रेस के साथ में हैं।

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुमराह कर विधायकों को इकट्ठा किया। ज्योतिरादित्य के लिए राज्यसभा टिकट मांगना है। इसका दवाब बनाने के लिए इकट्ठा होने की जरूरत है। कांग्रेस का दावा है भाजाप में जाने से विधायक नाराज हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ के संपर्क में सभी विधायक हैं। हम एकजुट होकर लड़ेंगे। विधानसभा में बहुमत को साबित करेंगे। कांग्रेस से विधायकों को कोई खतरा नहीं है। उनके साथ धोखा हुआ है। उन्हें ये नहीं पता था कि इकट्ठा कर विचारधारा बदलने की कोशिश की जाएगी।

22 में से 14 विधायक लौट सकते हैं

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने दावा किया है कि इस्तीफा देने वाले सभी विधायक संपर्क में हैं। इनमें से 14 विधायक इस्तीफा वापस लेने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस के साथ ही इस्तीफा देने वाले विधायक रहना चाहते हैं। ऐसे में सरकार को कोई खतरा नहीं है। 

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