डिप्टी सीएम अजित पवार पर इन घोटालों में हैं शामिल, दिखा ईडी का डर
देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। ऐसा माना जा रहा है कि अजित पवार ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के डर की वजह से बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली है।;
महाराष्ट्र (Maharashtra) की सियासत का उलटफेर में एनसीपी (NCP) नेता अजित पवार (Ajit Pawar) हीरो बनकर उभरे हैं। आज उन्होंने महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली है। देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। ऐसा माना जा रहा है कि अजित पवार ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के डर की वजह से बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली है। बता दें कि करड़ों के घोटाले के मामले में ईडी ने अजित पवार सहित 70 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
25,000 करोड़ के घोटाले में नाम शामिल
गौरतलब है कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक में हुए 25,000 करोड़ के घोटाले मामले में मुंबई हाईकोर्ट के आदेश के बाद ईडी ने एनसीपी चीफ शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार सहित महाराष्ट्र के 70 से ज्यादा राजनीतिज्ञों के खिलाफ केस दर्ज जांच शुरू की है। अजित पवार इस समय ईडी की जांच का सामना कर रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबकि कथित तौर पर चीनी मिल को कम दरों पर कर्ज दिया गया था।
वहीं डिफॉल्टर की संपत्तियों को सस्ते दामों में बेच दिया गया था। ऐसा आरोप है कि जमीनों को बेचने, सस्ते लोन देने और उनका दुबारा भुगतान नहीं होने के कारण बैंक को 2007-11 के बीच 1 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। इस दौरान एनसीपी नेता अजित पवार समय बैंक के डायरेक्टर थे।
अजित पवार का नाम सिंचाई घोटाले में शामिल
1999-2009 के बीच महाराष्ट्र में राजनेताओें, नौकरशाहों और ठेकेदारों की मिलीभगत कथित तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए का सिंचाई घोटाला किया गया। इस 70 हजार करोड़ के घोटाले में अजित पवार का नाम आया। भाजपा ने आज अजित पवार से साथ मिलकर तो सरकार बना ली है लेकिन कई बार भाजपा नेताओं ने अजित पवार पर इस घोटाले में आरोप भी लगाया।
एबीसी ने आरोपी ठहराया
28 नवंबर 2018 को महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो (एबीसी) ने महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम अजित पवार को 70 हजार करोड़ के कथित सिंचाई घोटाले में आरोपी ठहराया था। महाराष्ट्र में 1999-2014 के दौरान कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार में सिंचाई विभाग का प्रभार था। इसमें शामिल मंत्रियों में अजित पवार थे। हाई कोर्ट में अभी भी इस मामले की जांच चल रही है।
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