महाराष्ट्र में चुनावी बिगुल, जानें सियासी माहौल और राजनीतिक समीकरण

महाराष्ट्र (Maharashtra) के साथ ही दिल्ली (Delhi) से सटे हरियाणा (Haryana) में भी विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) होंगे। दोनों राज्य में चुनाव के ऐलान के साथ ही आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू कर दी गई है।;

Update: 2019-09-21 07:47 GMT

चुनाव आयोग (Election Commission) ने शनिवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Elections) का ऐलान कर दिया है। महाराष्ट्र (Maharashtra) के साथ ही दिल्ली (Delhi) से सटे हरियाणा (Haryana) में भी विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) होंगे। दोनों राज्य में चुनाव के ऐलान के साथ ही आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू कर दी गई है। महाराष्ट्र और हरियाणा (Maharashtra And Haryana) में 21 अक्टूबर को मतदान (Voteing) और 24 अक्टूबर को वोटो की गिनती की होगी।

वर्तमान में महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना गठबंधन की सरकार है। इस बार भी दोनों दल राज्य का रण जीतने के लिए गठबंधन से चुनाव लड़ेंगे। महाराष्ट्र में भाजपा ने एक बार फिर कमल खिलाने की कवायद में है। वहीं विपक्षी दल भी सत्ता में वापसी के बेताब हैं। तो चहिए जानतें हैं महाराष्ट्र में सियासी माहौल और राजनीतिक समीकरण क्या है।

महाराष्ट्र का सियासी माहौल

महाराष्ट्र में भाजपा एक बार फिर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव का रण जीतने के लिए चुनावी मैदान में उतरी है। इस बार राज्य में भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना के था चुनाव लड़ रही है।

साथ में आरपीआई सहित कई छोटे दल भी गठबंधन में शामिल हैं। चुनावों का ऐलान भी हो गया है लेकिन भाजपा और शिवसेना के बीच सीटों को लेकर फॉर्मूला तय नहीं हुआ है कि कौन सी पार्टी कितनी सिटों पर चुनाव लड़ेगी। भाजपा का इस बार 220 से अधिक सीटे जीतने का टारगेट है।

वहीं भारतीय जनता पार्टी को विधानसभा चुनाव में मात देकर सत्ता में वापसी करने के लिए बेताब हैं। इस बार राज्य में कांग्रेस-एनसीपी एक बार फिर मिलकर सत्ता में वापसी के लिए बेताब हैं। दोनों पार्टियों 125-125 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी, और दोनों पार्टियों ने बाकी 38 सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ने का निर्यण लिया है।

जबकि महाराष्ट्र में प्रकाश आंबेडकर की बहुजन घाड़ी दलित वोटरों के सहारे तीसरी ताकत के रूप में उभरना चाहती है। इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) ने मुस्लिम बहुल सीटों पर चुनावी ताल ठोका है जिससे कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन की नींद उड़ गई है।

महाराष्ट्र का राजनीतिक समीकरण

बता दें कि महाराष्ट्र में कुल 288 विधानसभा सीटें हैं। भारतीय जनता पार्टी ने साल 2014 में 27.8 प्रतिशत वोट के साथ 122 सीटें जीती हासिल की थी। जबकि शिवसेना ने 19.3 प्रतिशत वोट के साथ 63 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था। कांग्रेस ने 18 प्रतिशत वोट के साथ 42 सीट, एनसीपी ने 17.2 प्रतिशत वोट के साथ 41 सीटें हासिल की थी। इनके अलावा बहुजन अघाड़ी पार्टी को 3, पीडब्लूपीआई को 3, एआईएमआईएम को 2, समाजवादी पार्टी 1 और निर्दलीय ने सात सीटें जीती थी। 

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