महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेताओं के बीच आपसी टकरार

विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेताओं के आपसी मतभेद खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं। कांग्रेस नेता चुनाव की तैयारियों में शामिल होने की जगह एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी में व्यस्त हैं।;

Update: 2019-10-15 06:06 GMT

Maharashtra Assembly Election: विधानसभा चुनाव जितने नजदीक आते जा रहे हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस की परेशानियां उतनी है बढ़ती जा रही हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस (Maharashtra Congress) के अंदर नेताओं के बीच आपस में ही घमासान मचा हुआ है और एक दूसरे के खिलाफ जोर-शोर ने बयानबाजी चल रही है। सोमवार को महाराष्ट्र कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष संजय निरूपम (Sanjay Nirupam) ने पूर्व अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा (Milind Deora) के खिलाफ विवादित बयान दिया है।

संजय निरूपम ने नाम लिए बिना मिलिंद देवड़ा को "निकम्मा" कहा है। दरअसल, रविवार को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने महाराष्ट्र में जनसभा को संबोधित किया था। इस कार्यक्रम में दोनो पूर्व अध्यक्ष संजय निरूपम और मिलिंद देवड़ा में से कोई भी शामिल नहीं हुए थे। कार्यक्रम से अनुपस्थिति पर सफाई देते हुए संजय निरुपम ने ट्विट के जरिए कहा कि उन्होंने राहुल को कार्यक्रम में शामिल नहीं होने के बारे में पहले ही बता दिया था। अंत में मिलिंद देवड़ा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि "लेकिन वह निकम्मा कहां था?" कहा जा रहा है कि संजय निरुपम ने रैली में मिलिंद देवड़ा की गैरमौजूदगी को लेकर ऐसा बोला।

बता दें कि संजय निरुपम ने टिकट वितरण को लेकर नाराजगी दर्ज की थी और चुनाव प्रचार से दूर रहने का ऐलान कर दिया था। पार्टी के एक नेता का कहना है कि फिलहाल पार्टी में कई पावर सेंटर्स हैं। जिनके बीच में खुद को बड़ा दिखाने की होड़ है। पार्टी नेताओं के मन में नराजगी का एक बड़ा कारण जमीनी स्तर पर काम करने वाले नेताओं को टिकट से वंचित रखना है। बड़े नेताओं ने अपने खास लोगों को टिकट दिलाया है जिस वजह से ऐसा हुआ है।

महाराष्ट्र में पार्टी के अंदरूनी विवाद को लेकर कई नेता प्रभारी महासचिव मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) की ओर भी इशारा कर रहे हैं। उनका कहना है कि अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण और प्रदेशाध्यक्ष बाला साहेब थोराट के बीच ताकत प्रदर्शन की होड़ लगी हुई है। कुछ नेताओं का यह भी कहना है कि भले ही प्रदेशाध्यक्ष बाला साहेब थोराट हैं। लेकिन प्रदेश में चुनाव की सारी रणनीति अशोक चव्हाण के अनुसार तैयार की जा रही है। पार्टी के लिए फंड मुहैया करवाने में अशोक चव्हाण की अहम भूमिका रही है।  

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