महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा लॉकडाउन का मतलब लॉकअप नहीं, बांद्रा की घटना दुर्भाग्यपूर्ण
बांद्रा रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में लोगों के जुटने और पुलिस के लाठीचार्ज करने को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। सीएम ठाकरे ने कहा है कि बांद्रा की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है।;
महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बांद्रा स्टेशन पर हुई घटना को लेकर लोगों पर निशाना साधा है। बड़ी संख्या में लोगों के बांद्रा स्टेशन पहुंचने पर कहा कि लॉकडाउन का मतलब लॉकअप नहीं है। हालांकि सीएम ठाकरे ने बांद्रा की घटना दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
बांद्रा रेलवे स्टेशन पर आज शाम 4 बजे बड़ी संख्या में प्रवासी लोग जुट गए। जिसके बाद भीड़ को नियंत्रित कर वापस भेजने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज बांद्रा में जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था। ऐसा शायद इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने सोचा था कि ट्रेनें 14 अप्रैल से शुरू होंगी। वे अपने गाँव वापस जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि कोई भी नहीं चाहता है कि आप अपनी इच्छा के बिना लॉकअप में रहें। लॉकडाउन का मतलब लॉकअप नहीं है। यह हमारा देश है। प्रवासी मजदूर मेरे राज्य में सुरक्षित हैं और चिंता न करें। जिस दिन लॉकडाउन खत्म होगा उस दिन राज्य और केंद्र सरकार आपके लिए इंतजाम करेगी।
लॉकडाउन आगे बढ़ाने से नाखुश थे मजदूर
मुंबई पुलिस ने कहा है कि प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के आगे बढ़ाए जाने से नाखुश थे। वे अपने घर वापस जाना चाहते थे। इसके कारण बांद्रा रेलवे स्टेशन परिसर में लगभग 1500 लोग इकट्ठा हुए थे। मुंबई के पुलिस पीआरओ डीसीपी प्रणय अशोक ने कहा कि स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने मौके पर जाकर उनसे बात की। उन्हें समझाने की कोशिश की। इस दौरान भीड़ का एक हिस्सा हिंसक हो गया। इसलिए उन्हें नियंत्रण में लाने के लिए बल का इस्तेमाल करना पड़ा।
गृहमंत्री अमित शाह ने किया फोन
गृहमंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को फोन किया। इस दौरान बांद्रा घटना की जानकारी लेते हुए चिंता व्यक्त की। गृहमंत्री ने स्पष्ट कहा कि इस तरह की घटनाएं कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करती हैं। इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सजग रहने की जरूरत है।
मजदूरों के लिए राशन की व्यवस्था करें
भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि बांद्रा की घटना बेहद चिंताजनक है। हम पहले दिन से सरकार से कह रहे थे कि वे उन मजदूरों के लिए कुछ व्यवस्था करें जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं। राज्य सरकार को सभी को भोजन और राशन की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।