Maharashtra Politics: उद्धव ठाकरे को फिर झटका, MLC मनीषा कायंदे ने छोड़ा साथ, शिंदे गुट का थामेंगी हाथ

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को एक और बड़ा झटका लगा है। महाराष्ट्र विधान परिषद की सदस्य (MLC) मनीषा कायंदे (Manisha Kayande) ने उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ दिया है।;

Update: 2023-06-18 09:05 GMT

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को एक और बड़ा झटका लगा है। महाराष्ट्र विधान परिषद की सदस्य (MLC) मनीषा कायंदे (Manisha Kayande) ने उद्धव ठाकरे का साथ छोड़ दिया है। इसके साथ ही वह आज शाम को ही शिवसेना (शिंदे ग्रुप) में शामिल होंगी। इसकी जानकारी शिवसेना (Shiv Sena) नेता संजय सिरसाट (Sanjay Sirsat) ने दी है। बता दें कि MLC मनीषा कायंदे को MLC मनीषा कायंदे को फायरब्रांड महिला नेताओं में से एक माना जाता है। ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि वह आने वाले समय में शिंदे गुट को जॉइन कर सकती हैं।

'उद्धव गुट के कई नेता शिंदे गुट में आएंगे'

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कल यानी सोमवार को शिवसेना का 57वां स्थापना दिवस है। इससे एक दिन पहले रविवार सुबह से उद्धव गुट मनीषा कायंदे से संपर्क नहीं कर पा रहा है। बताया जा रहा है कि मनीषा कायंदे ने संगठन छोड़ने के अपने फैसले के बारे में पार्टी नेतृत्व को बता दी है। इसको लेकर शिवसेना विधायक और प्रवक्ता संजय शिरसाट ने जानकारी देते हुए कहा कि यह सच है कि कायंदे जी आज रात हमारी पार्टी में शामिल होने वाली है। वे वर्षा बंगले में सीएम शिंदे की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता लेंगी। संजय शिरसाट ने आगे कहा कि रविवार और सोमवार का दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन हैं। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले समूह के कई लोग हमारे साथ जुड़ने वाले हैं। उद्धव गुट के कई विधायक, नगरसेवक और पदाधिकारी शिंदे गुट में शामिल होना चाहते हैं। उनमें से कुछ नेता दो दिनों के भीतर और अन्य कुछ नेता आने वाले सप्ताह में शामिल होंगे।

ऐसा है मनीषा का राजनीतिक करियर

बता दें कि मनीषा एक शिक्षिका थीं, जो कि भाजपा के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी और 1997 में मुंबई निकाय चुनाव भी लड़ा था। हालांकि, उन्हें अपने पहले चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2009 में मनीषा ने मुंबई में सायन कोलीवाड़ा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन यह चुनाव भी हार गई थी। इसके बाद वह साल 2017 में वह एमएलसी बनीं थी।

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