Maharashtra News: औरंगाबाद का नाम बदलने का बालासाहेब ठाकरे ने भी रखा था प्रस्ताव, अब शिवसेना-कांग्रेस में हो रही रार

महाराष्ट्र में औरंगाबाद में होने वाले निकाय चुनाव से पहले राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। इसी बीच महा विकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन पर चल रही है।;

Update: 2021-01-03 07:34 GMT

महाराष्ट्र में औरंगाबाद में होने वाले निकाय चुनाव से पहले राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। इसी बीच महा विकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन पर चल रही है। औरंगाबाद के नाम बदलने को लेकर कांग्रेस और शिवसेना अलग अलग नजर आ रही हैं तो भाजपा दोनों पर ही आक्रमक नजर आ रही है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शिवसेना और कांग्रेस के बीच औरंगाबाद का नाम बदलने को लेकर एक दूसरे पर बयानबाजी दे रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस ने शिवसेना पर पलटवार करते हुए उसे गठबंधन धर्म की याद भी दिलवाई है। जिसके बाद दोनों एक दूसरे से नाराज नजर आ रहे हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि शिवसेना काफी दिनों से औरंगाबाद का नाम बदलना चाहती थी। अब वो औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर बनाने की तैयारी कर रही है। जिसके बाद कांग्रेस ने उसे रोका है। कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने गठबंधन में हुए एग्रीमेंट की याद दिलवाई है।

शिव सेना की मांग है कि औरंगाबाद का नाम मराठा योद्धा राजा छत्रपति संभाजी महाराज के नाम पर रखा जाए। हालांकि, कांग्रेस ने यह कहते हुए अपने पैर पीछे रख दिए कि वह इस तरह के किसी भी कदम का विरोध करेगी।

शहर का नाम बदलने की बहस 1988 से औरंगाबाद की राजनीति पर हावी रही है। जब शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे ने इसका नाम बदलकर संभाजीनगर रखने का प्रस्ताव रखा।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्य के राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने कहा कि पार्टी शहर का नाम बदलने के किसी भी कदम के खिलाफ है। हमारी पार्टी स्थानों के नाम बदलने में विश्वास नहीं करती है। यह महा विकास अघडी सरकार के साझा न्यूनतम कार्यक्रम का हिस्सा नहीं था। इस बीच भाजपा ने अपने रुख में बदलाव को लेकर शिवसेना पर निशाना साधा है।

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