Manipur Violence: महिलाओं से दरिंदगी मामले में SIT गठित करेगी SC, कल दोपहर 2 बजे होगी अगली सुनवाई

Manipur Violence: मणिपुर वायरल वीडियो (Manipur Viral Video) मामले में आज यानी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice of India DY Chandrachud) ने मामले में दोनों पक्षों से कई सवाल पूछे हैं। मामले में अगली सुनवाई कल दोपहर 2 बजे होगी।;

Update: 2023-07-31 09:27 GMT

Manipur Violence: मणिपुर वायरल वीडियो (Manipur Viral Video) मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice of India DY Chandrachud) ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि मामला सामने तब आया है, जब इसका वीडियो वायरल हुआ। यह एकमात्र ऐसी घटना नहीं है, जहां महिलाओं के साथ मारपीट या उत्पीड़न किया गया है। इसके अलावा भी कई ऐसी घटनाएं हैं। हमें महिलाओं के साथ हिंसा के व्यापक मुद्दे को देखने के लिए एक व्यवस्था बनाने की जरूरत है। कोर्ट ने मामले में एसआईटी गठित करने की बात कही है। अगली सुनवाई कल दोपहर 2 बजे होगी।

हमारे पास कोई साक्षात्मक रिकॉर्ड नहीं है- SC

यह सुनिश्चित करना होगा कि महिलाओं के साथ ऐसे सभी मामलों का ध्यान रखा जाए। उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि तीन मई के बाद से मणिपुर में हिंसा हो रही थी, इसको लेकर कितनी एफआईआर दर्ज की गई हैं। कोर्ट ने आगे कहा कि पहले दोनों पक्षों को संक्षेप में सुना जाएगा, इसके बाद कार्रवाई के सही तरीके पर फैसला करेंगे। अभी हमारे पास इसको लेकर कोई साक्षात्मक रिकॉर्ड नहीं है।

'पुलिस ने महिलाओं संग हिंसा में किया सहयोग'

मणिपुर की दो पीड़ित महिलाओं की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि महिलाएं सीबीआई जांच और इसे असम स्थानांतरित करने के खिलाफ हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह स्पष्ट है कि पुलिस उन लोगों का सहयोग कर रही थी, जिन्होंने दोनों महिलाओं के साथ अभद्रता को अंजाम दिया। पुलिस ने दोनों महिलाओं को भीड़ में ले जाकर छोड़ दिया, फिर भीड़ ने लड़की के साथ दरिंदगी की।

'हिंसा मामले में 595 एफआईआर दर्ज'

इसके बाद सरकार की ओर से पेश वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमने मामले को स्थानांतरित करने का अनुरोध नहीं किया है। हमने कभी नहीं कहा कि मामले को असम स्थानांतरित किया जाए। अगर सुप्रीम कोर्ट इस हिंसा मामले की निगरानी करता है, तो केंद्र सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। इसके अलावा वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट से कहा कि स्टेटस रिपोर्ट के मुताबिक, इस हिंसा मामले में 595 एफआईआर दर्ज की गई हैं। हालांकि, इसमें यह स्पष्ट नहीं है कि कितने यौन हिंसा से संबंधित हैं और कितने आगजनी या फिर हत्या से संबंधित हैं।

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