शहीद दिवस : क्यों गांधी जी ने स्टेशन पर ठिठुरते हुए रात बिताई, बाद में की थी घोड़ागाड़ी चलाक की पिटाई
देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 30 जनवरी 1948 को शहीद दिवस : नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। तब से हर साल 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।;
शहीद दिवस 2020 (Martyrs Day 2020) : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को गोली मारकर कर दी थी। तब से हम 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में मनाते हैं। 30 जनवरी यानी गुरुवार को महत्मा गांधी की 71वीं पुण्यतिथि (71st death anniversary of Mahatma Gandhi) है। महात्मा गांधी ने अपने सकारात्क विचारों से पूरी दूनिया को प्रभावित किया था। गांधी जी सबको एक साथ लेकर चलने पर विश्वास करते थे। उन्होंने हमेंशा अपने विचारों पर पहले खुद अमल किया और फिर पूरी दूनिया को सिखाया। बहुत कम लोग जानतें है कि गांधी ने इस वजह से कड़ाके की ठंड में अफ्रीका में एक रेवले स्टेशन पर रात बिताई थी। चलिए जानते हैं..
गांधी जी ने स्टेशन पर ठिठुरते हुए रात बिताई
अफ्रीका की डरबन की एक अदालत के यूरोपीय मजिस्ट्रेट ने गांधी जी को पगड़ी उतारने के लिए कहा था तब उन्होंने यह मानने से इनकार कर दिया था। फिर वहां वह कोर्ट से बाहर चले गए। जब कुछ दिनों के बाद ही जब वो प्रिटोरिया जा रहे थे तब उन्हें रेलवे के प्रथम श्रेणी के डिब्बे से बाहर फेंक दिया गया था। उन्हें उस ठंड की रात में स्टेशन पर ठिठुरते हुए रात बितानी पड़ी थी। बात इतने पर ही नहीं रूकी, उसी यात्रा में उन्हें एक घोड़ागाड़ी के ड्राइवर को पीट दिया था।
इसका कारण ये था कि उन्होंने यूरोपीय यात्री को अपनी जगह देने से साफ मना कर दिया था। क्योंकि अगर वो ऐसा करते तो उन्हें पायदान पर बैठना पड़ता जो कि गांधी जी को कभी मंजूर नहीं था। आखिर में उन्हें उस होटल में जाने से भी मना कर दिया गया जो कि सिर्फ यूरोपीय लोगों के लिए ही था। नटाल में भारतीय व्यापारी इसी तरह बेइज्जत हुआ करते थे और उन इसकी आदत हो गई थी। लेकिन जो लोग नए थे उनके लिए ये बहुत बड़ी बेइज्जती का विषय था। गांधी जी तो खुद स्वाभिमानी थे और पराए देश में इस तरह का अपमान उनके लिए असहनीय था। लेकिन इस अपमान ने गांधी जी के जीवन में कुछ बदलाव भी लाए।
30 जनवरी को क्यों मनाया जाता है शहीद दिवस?
देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। तब से हर साल 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन महात्मा गांधी (बापू) को श्रद्धांजलि दी जाती है।
कैसे मनाया जाता है शहीद दिवस
30 जनवरी यानी शहीद दिवस पर राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेना के प्रमुख राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। सेना के जवान भी इस मौके पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए अपने हथियार को नीचे छुकाते हैं।
इसे सेना की भाषा में सम्मान देना कहते हैं। इस दिन पूरे देश में महात्मा गांधी के साथ-साथ अन्य शहीदों को भी याद किया जाता है और उनकी याद में दो मिनट का मौन भी रखा जाता है। गांधी जी सभी धर्मों को एक जैसा मानते थे। उनको सम्मान देने के लिए सभी धर्म के लोग प्रार्थना करते हैं।