मोदी सरकार ने CAA और NRC के बीच निकाला ये शस्त्र, जानें क्या है NPR का उद्देश्य
नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) को लागू करने के लिए मोदी कैबिनेट अगले हफ्ते तक अपनी मुहर लगा सकती है।;
नागरिकता संशोधन एक्ट और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर को लेकर देश में जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। ऐसे में अब मोदी सरकार नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर आ रही है। इस बिल पर मोदी कैबिनेट अगले हफ्ते तक अपनी मुहर लगा सकती है। देश में रहने वाले लोगों का पंजीकरण होगा।
क्या है एनपीआर
नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के जरिए देश में रहने वाले नागरिकों का रजिस्ट्रेशन होता है, कि वो भारत के नागरिक किस आधार पर हैं। एक तरह से इसे नागरिकों की जनगणना कहा जाता है, जो एनआरसी लागू होने से पहले किया जाता है। ये देश के नागरिक का एक रजिस्टर है। यह नागरिकता अधिनियम 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र) नियम 2003 के प्रावधानों के तहत किसी भी नागरिक को गांव, उप-नगर, उप-जिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, एनपीआर के लिए डेटा आखिरी बारि 2010 में भारत की जनगणना की गई थी, इस दौरान डेटा को डोर-टू-डोर सर्वे करके नागरिकों की पहचान की जाती है। यानी कि उनकी जनगणना की जाती है। ये पूरी तरह से बायोमेट्रिक जनगणना होगी।
बता दें कि असम को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अप्रैल से सितंबर 2020 के दौरान जनगणना 2021 का काम हो जाएगा। पश्चिम बंगाल सरकार के पास राज्य के गृह विभाग के तहत एनपीआर के लिए एक सेल है। सेल राज्य के अंदर नागरिक पंजीकरण से संबंधित सभी मुद्दों पर काम करेगा और एक सर्वे तैयार करेगा। फिलहाल, इस सेल ने अब सभी जिला मजिस्ट्रेट और नगर निगमों को भेजे गए अपने आदेश के माध्यम से एनपीआर के सभी काम को रोक दिया है।
जानें क्या है एनपीआर का उद्देश्य
1 किसी भी सरकारी योजना का लाभ सही लोगों तक पहुंचना और साथ ही व्यक्ति की पहचान करना है।
2. एनपीआर के जरिए देश की सुरक्षा व्यवस्था को ठीक करना, ताकि घुसपैठ करने वालों को चिन्ह्ति किया जाए।
3 एनपीआर से देश के सभी नागरिकों को एक साथ जोड़ा जाएगा, ये जनगणना 10 साल में एक बार होती है, कि आखिर देश की पॉपुलेशन कितनी बढ़ी है।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App