मोहन भागवत बोले, स्वदेशी का मतलब विदेशी उत्पादों का बहिष्कार नहीं होता
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि स्वदेशी का ये मतलब बिल्कुल नहीं होता कि विदेशी उत्पादों का पूरी तरह से बहिष्कार कर दिया जाए।;
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि स्वदेशी का ये मतलब बिल्कुल नहीं होता कि विदेशी उत्पादों का पूरी तरह से बहिष्कार कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के अनुभव ने हमें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया। बता दें कि यह बात उन्होंने एक वर्चुअल बुक लॉन्च के दौरान कही।
हम वो खरीदेंगे जो हमारे लिए जरूरी है
मोहन भागवत ने कहा कि स्वदेशी का मतलब विदेशी उत्पादों का बहिष्कार नहीं करना है, बल्कि सिर्फ निर्भरता को कम करना है। हमें ये नहीं देखना है कि विदेशों से क्या आता है। अगर हम ऐसा करते हैं तो हमें ये अपनी शर्तों के मुताबिक करना होगा। उन्होंने कहा कि हम वो चीजें खरीद सकते हैं, जो हमारे लिए जरूरी है।
स्वतंत्रता के बाद सही आर्थिक नीति नहीं बनी
उन्होंने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि हम भी कुछ कर सकते हैं। आजादी के बाद आर्थिक नीति ऐसी बन ही नहीं पाई। लेकिन अब वक्त आ गया है। हमें सोचना है कि हम भी कुछ कर सकते हैं। कोरोना वायरस से मिलने वाले अनुभवों ने हमें विकास का एक नया रास्ता दिखाया है।
Swadeshi does not necessarily mean boycotting every foreign product. We will purchase whatever is suitable for us, that too, on conditions laid out by us: RSS chief Mohan Bhagwat at a virtual book launch event pic.twitter.com/RF87AO4czX
— ANI (@ANI) August 12, 2020