मदर्स डे स्पेशल : जिस मां का बचपन में खौफ रहता था वही अब बहुत याद आती है
इस दुनिया में भगवान की सर्वश्रेष्ठ रचना 'मां' के रूप में हुई है। माओं ने इस दुनिया को बेहतर बनाया है। उनका प्यार स्नेह और आशीर्वाद ही तो इस दुनिया को नष्ट होने से रोके हुए हैं। माओं को सबकी फिकर होती है, उन्हें बच्चे की गीली चड्डी से लेकर पति के कम सैलरी की फिक्र होती है, उन्हें बिटिया के विवाह और भाई के व्यापार की भी चिन्ता रहती है।;
इस दुनिया में भगवान की सर्वश्रेष्ठ रचना 'मां' के रूप में हुई है। मांओं ने इस दुनिया को बेहतर बनाया है। उनका प्यार स्नेह और आशीर्वाद ही तो इस दुनिया को नष्ट होने से रोके हुए हैं। मांओं को सबकी फिकर होती है, उन्हें बच्चे की गीली चड्डी से लेकर पति के कम सैलरी की फिक्र होती है, उन्हें बिटिया के विवाह और भाई के व्यापार की भी चिन्ता रहती है।
वह सबकी खुशहाली के लिए व्रत रहती है, भगवान से प्रार्थनाएं करती हैं उनकी दुआओं में सबकुछ अपने बच्चे के लिए होता है। मां हमारी जिंदगी में एक वरदान की तरह होती है। ये एक ऐसा वरदान होता है जिसका किसी से कोई मुकाबला नहीं हो सकता। मां को सबकुछ पता होता है। वह कई बार हमारी गलतियों को इग्नोर करती है। पर ये भी एक उम्र के बाद ही होता है।
बचपन याद करके तो मन सिहर जाता है, तब गलतियों के लिए तो कम दूसरे कामों के लिए ज्यादा कुटाई की जाती थी। सुबह उठने के लिए दो चाटे, स्कूल के लिए तैयार करते-करते 3 घूसे और फिर खाना खाने को लेकर मुंह बनाने पर 2 बेलन पड़ ही जाते थे। मां को लेकर गुस्सा खूब आती थी तो पापा से शिकायत कर देते थे। पापा हमारे समर्थन में मां को डांट देते थे और हम खुश हो जाते थे।
जैसे-जैसे वक्त बीतता जाता है मां अपने को वक्त के हिसाब से बना लेती है। 10वीं की परीक्षा के वक्त टीचर की भूमिका में बन जाती है तो रिजल्ट आने पर मोटिवेशनल स्पीकर बनकर हमें टेंशन से बाहर निकालती हैं।
12वीं के बाद जितना हमें अपने कैरियर को लेकर चिंता होती है उतनी ही फिक्र मां को भी होती है। किसी को बच्चे पर भरोसा हो या न हो पर मां के लिए बच्चा हमेशा चैम्पियन ही होता है।
युवा जब किसी के साथ प्रेम में आ जाता है तो उसकी प्राथमिकताओं में प्रेमिका पहले और मां दूसरे नंबर पर हो जाती है। प्रेम में पड़े अपने अपने बच्चे को मां समझ लेती है पर बच्चे को लगता है कि मां को कुछ पता नहीं होगा।
एक वक्त के बाद प्रेमी प्रेमिकाओं के रिश्ते टूट जाते हैं और लड़का फिर से अवसाद में जाने लगता है, उसे दुनिया से नफरत होने लगती है और उसे लगने लगता है कि अब जिंदगी में कुछ रहा नहीं, आत्महत्या ही एक उपचार है।
ऐसे वक्त में मां भगवान बन जाती है। और हमें ये एहसास दिलवाती है कि दिल टूटने से सब कुछ नहीं खत्म हो जाता, दुनियां में कई बार दिल जुड़ेंगे और दिल टूटेंगे। 'पूत कपूत सुने हैं पर मां न सुनी कुमाता' इस लाइन के व्यापक मतलब हैं।
किसी भी तरह के शक जैसी बाते नहीं है इस लाइन में। मां हमें सिर्फ जन्म नहीं देती बल्कि वह हमें एक इंसान बनाती है वह हमारी सबसे बड़ी टीचर होती है वह हर वक्त सिखाती है कभी बोलकर तो कभी बिन बोले भी बहुत कुछ सीखा देती है।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App