Motilal Vora Death : गांधी परिवार के हमेशा करीबी रहे मोतीलाल वोरा, पुराने दिग्गज नेताओं में थे शुमार

Motilal Vora Death : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का निधन (Motilal Vora Passed away) हो गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा को खराब सेहत के चलते बीती रात एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। आज उनका इलाज के दौरान 93 साल की उम्र में निधन हो गया है।;

Update: 2020-12-21 11:09 GMT

Motilal Vora Death : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का निधन (Motilal Vora Passed away) हो गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा को खराब सेहत के चलते बीती रात एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। आज उनका इलाज के दौरान 93 साल की उम्र में निधन हो गया है। मोतीलाल वोरा के निधन पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल समेत कांग्रेस के अन्य नेताओं ने मोतीलाल वोरा के निधन पर दुख जताया है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि मोतीलाल वोरा लंबे समय तक कांग्रेस कोषाध्यक्ष रहे हैं और वह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं। बताया जाता है कि मोतीलाल वोरा गांधी परिवार के बेहद करीबी थे।

50 सालों से कांग्रेस के साथ जुड़े रहे

90 साल के हो चुके मोतीलाल वोरा पुराने दिग्गज राजनीतिकों में शुमार किए जाते रहे हैं और 50 सालों से कांग्रेस के साथ संगठन और सरकारों में जुड़े रहे हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके वोरा का राजनीतिक सफर 1960 के दशक में शुरू हुआ था और शुरूआत में वोरा समाजवादी विचारधारा वाली पार्टी के साथ जुड़े थे लेकिन उसके बाद 1970 में कांग्रेस में आए और कांग्रेस पार्टी और राज्य सरकार में उच्च पदों पर रहने के बाद राज्यसभा तक भी पहुंचे। वोरा विवादों में भी फंसे लेकिन कुछ कारणों से गांधी परिवार के चहेतों में शुमार रहे।

मध्य प्रदेश में तीन बार चुनाव जीता

प्रभात तिवारी और पंडित किशोरीलाल शुक्ला की मदद से 1970 में वोरा कांग्रेस में शामिल हुए थे. उसके एक दशक के भीतर ही वो गांधी परिवार के काफी करीब आ गए थे। उनकी कुशलता और एक दशक में मध्य प्रदेश में तीन बार चुनाव जीतना खास कारण थे। 1983 में इंदिरा गांधी सरकार में वोरा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1985 में वोरा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभाला। इसके बाद राजीव गांधी सरकार में भी वोरा शामिल हुए, जब राज्यसभा के सदस्य के तौर पर उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।

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