Motor Vehicle Act 2019 : गलती करने पर लगेगा 1 लाख तक का जुर्माना!
आपात वाहनों को रास्ता न देने पर 10 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। वाहन चलाने को लेकर अयोग्य करार दिए जाने के बाद भी गाड़ी चलाने पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा। 18 वर्ष से कम आयु के नाबलिग द्वारा गाड़ी चलाने पर वाहन मालिक को दोषी माना जाएगा और...;
Motor Vehicle Act India : केंद्र सरकार की ओर से जल्द ही मोटर वाहन संशोधन विधेयक को संसद की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की हालिया बैठक में इसे हरिझंडी दे दी गई है। हरिभूमि को अपनी पड़ताल में मिली जानकारी के मुताबिक इस कानून को मौजूदा बजट सत्र के दौरान संसद की मंजूरी दिलाकर कानून की शक्ल में तब्दील करना सरकार की प्राथमिक्ताओं में से एक है। क्योंकि केंद्र का मानना है कि इसके बाद न केवल देश में तेजी से बढ़ रहे सड़क दुर्घटनाओं के ग्राफ में कमी देखने को मिल सकती है बल्कि आम-लोगों के बीच सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता भी बढ़ेगी। गौरतलब है कि केंद्र की ओर से बीती 16वीं लोकसभा के दौरान भी इस बिल को मंजूरी दिलाने के लिए संसद में पेश किया गया था। लेकिन तब इसे केवल लोकसभा ने ही पास किया था। राज्यसभा में यह बिल पास नहीं हो सका था। इसलिए यह रद्द हो गया था। ऐसे में केंद्र की तरफ से एक बार फिर से इसे संसद की मंजूरी दिलाने के लिए पेश किए जाने की तैयारी चल रही है।
भारी जुर्माने का प्रावधान
सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने संशोधित बिल में यातायात नियमों के उल्लंधन पर भारी जुर्माने के प्रावधान के अलावा कई अन्य जरूरी प्रावधानों को भी शामिल किया है। इसमें 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों द्वारा की गई सिफारिश ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। बिल में यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसमें आपात वाहनों को रास्ता न देने पर 10 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।
वाहन चलाने को लेकर अयोग्य करार दिए जाने के बाद भी गाड़ी चलाने पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भरना पड़ेगा। 18 वर्ष से कम आयु के नाबलिग द्वारा गाड़ी चलाने पर वाहन मालिक को दोषी माना जाएगा और उसपर 25 हजार रुपए जुर्माने के साथ तीन साल की जेल और वाहन का पंजीकरण भी रद्द हो सकता है। इसके अलावा एक साथ कई गलतियां करने वालों से 1 लाख रुपए तक जुर्माना वसूला जा सकता है।
विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
सड़क एवं परिवहन मंत्रालय में पूर्व महानिदेशक (सड़क) रहे डी़ पी़ गुप्ता ने कहा कि इस बिल के जरिए सरकार ने सड़क सुरक्षा (सड़क के इंजीनियरिंग और डिजाइन पर जोर देना) को लेकर जरुरी मसलों पर उतना ध्यान नहीं दिया है जितना दिए जाने की जरूरत थी। विभाग के मंत्री नितिन गड़करी कहते हैं कि मैं बड़ी तादाद में देश में सड़कें बनाऊंगा लेकिन मैं उनसे सिर्फ यही कहना चाहता हूं कि वो कहें कि मैं सुरक्षित सड़कें बनाऊंगा।
आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के महासचिव नवीन कुमार गुप्ता ने कहा कि इस बिल को लाने के पीछे सरकार की मंशा ठीक है। लेकिन इसमें शामिल किए गए कुछ प्रावधानों का धरातल पर सफल क्रियान्वयन होता हुआ नजर नहीं आता। क्योंकि जुर्माने की राशि को कई गुना बढ़ा देने से देश में केवल भ्रष्टाचार ही बढ़ेगा। सड़क दुर्घटना से जुड़े मामलों में अधिकतम 5 या 10 लाख रुपए तक का बीमा लाभ दिए जाने की एक सीमा तय करने से बीमा कंपनियों की मौज हो जाएगी और सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों की स्थिति हमेशा के लिए एक पीड़ित की बनकर रह जाएगी।
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