एमएसएमई को सस्ते ऋण सुविधा को सरकार ने दी मंजूरी, ऐसे उठाएं जल्द लाभ
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए 9.25 प्रतिशत की रियायती दर पर तीन लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त ऋण उपलब्ध कराने की योजना को मंजूरी दे दी।;
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए 9.25 प्रतिशत की रियायती दर पर तीन लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त ऋण उपलब्ध कराने की योजना को मंजूरी दे दी।
कोरोना वायरस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित एमएसएमई क्षेत्र को यह ऋण, आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत उपलब्ध कराया जाएगा। एमएसएमई क्षेत्र के लिए मंजूर की गई तीन लाख करोड़ रुपए की यह आपात ऋण सुविधा केन्द्र सरकार द्वारा घोषित 21 लाख करोड़ रुपए के पैकेज में शामिल दूसरी बड़ी घोषणा है।
100 फीसदी गारंटी कवर मिलेगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह कई किस्तों में इस पैकेज का ब्योरा जारी किया। योजना के तहत तीन लाख रुपए तक का कर्ज दिया जाएगा जिसपर नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी (एनसीजीटीसी) 100 प्रतिशत गारंटी कवर देगी।
मुद्रा योजना के तहत कर्ज लेने वालों को सुविधा
यह कर्ज पात्र एमएसएमई और मुद्रा योजना के तहत कर्ज लेने वालों को दिया जाएगा। यह कर्ज गारंटीशुदा आपात ऋण सुविधा (जीईसीएल) के तहत उपलब्ध कराया जाएगा।भारत सरकार 41,600 करोड़ रुपए का कोष उपलब्ध कराएगी। यह कोष चालू वित्त वर्ष के साथ ही अगले तीन वित्तीय वर्षों के लिए होगा।
योजना जीईसीएल के तहत मंजूर सभी कर्जों पर लागू
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई। इसमें कहा गया कि योजना जीईसीएल के तहत मंजूर सभी कर्जों पर लागू होगी। योजना की अवधि इसकी घोषणा के दिन से लेकर 31 अक्टूबर तक या फिर जब तक योजना के तहत तीन लाख करोड़ रुपए तक के कर्ज मंजूर होते हैं तब तक लागू रहेगी।
मकसद देश के 45 लाख एमएसएमई को संकट से बचाना
इनमें से जो भी पहले होगा तब तक योजना लागू रहेगी। इस योजना का मकसद देश के 45 लाख एमएसएमई को संकट की इस घड़ी में तीन लाख करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त कर सुविधा उपलब्ध कराना है। यह वित्तपोषण पूरी तरह से गारंटीशुदा आपात रिण सुविधा के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा।
यही इकाइयां होगी पात्र
एमएसएमई की पात्रता के बारे में इसमें कहा गया है कि 100 करोड़ रुपए तक के सालाना कारोबार वाली इकाइयां जिनपर 29 फरवरी को 25 करोड़ रुपए तक का बकाया है जो वित्तीय दबाव की दृष्टि से विशेष उल्लेख (एसएमए1) तक दायरे में हैं, यानी जिन्हें अवरुद्ध खाता (एनपीए) नहीं घोषित किया गया था, वही जीईसीएल वित्तपोषण के तहत योजना का लाभ उठाने के पात्र होंगे।
संस्थान से कोई गारंटी शुल्क नहीं लिया जाएगा
इन पात्र एमएसएमई को उनके 29 फरवरी 2020 को 25 करोड़ रुपए तक के बकाए के 20 प्रतिशत तक ऋण दिया जा सकता है। इसके लिए एनपसीजीटीसी द्वारा ऋण देने वाले संस्थान से कोई भी गारंटी शुल्क नहीं लिया जाएगा। योजना के तहत बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए ब्याज दर को 9.25 प्रतिशत पर तय किया गया है, वहीं एनबीएफसी के लिए यह 14 प्रतिशत होगी।
सरकार ने वाणिज्यिक खनन को दी मंजूरी
सरकार ने राजस्व हिस्सेदारी के आधार पर कोयले के वाणिज्यिक खनन और उसकी बिक्री के तौर-तरीकों को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में यह निर्णय किया गया। 'सीसीईए ने कोयला और लिग्नाइट की बिक्री राजस्व हिस्सेदारी आधार पर करने के लिए कोयला और लिग्नाइट खदान/ब्लाक की नीलामी प्रक्रिया को मंजूरी दे दी है।
सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए 10,000 करोड़ को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देशभर में दो लाख सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को ऋण से जुड़ी सब्सिडी उपलब्ध कराने के लिए 10,000 करोड़ रुपए की एक नई केंद्रीय योजना को मंजूरी दे दी है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि असंगठित क्षेत्र के लिए इस योजना के तहत खर्च का बोझ केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा 60:40 के अनुपात में वहन किया जाएगा।