Mulayam Singh Yadav Death: धरती पुत्र के शिक्षक से सियासी गुरु बनने तक का सफर, ऐसी रही नेता जी की साख

mulayam singh yadav: पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव का 82 साल की उम्र में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया है...;

Update: 2022-10-10 06:38 GMT

mulayam singh yadav: यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के (SP) संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav death ) का निधन हो गया है। लोग उनके जल्द स्वस्थ्य होने की प्रार्थनाएं कर रहे थे, लेकिन उन्होंने 82 साल की उम्र में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आज सुबह करीब 8 बजे दम तोड़ दिया। मुलायम सिंह यादव के निधन की खबर सामने आने के बाद से ही हर कोई उनसे जुड़ी बाते जानने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में आज हम आपको बतायंगे कि कैसे पहलवान परिवार में जन्में मुलायम सिंह यादव ने शिक्षक (teacher) बनने के बाद राजनीति में कदम रखा और पांच दशक तक राजनीति की। जानते हैं अब विस्तार से....

जैन इंटर कॉलेज में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात

मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 में उत्तर प्रदेश के सैफई में (Saifai) हुआ था। उन्होंने राजनीतिशास्त्र की पढ़ाई की। यहां से बीए और फिर पोस्ट ग्रेजुएशन यानि एमए के बाद उन्होंने बीटी की। 1963 में करहल के जैन इंटर कॉलेज में (Jain Inter College)  मुलायम सिंह सहायक अध्यापक के पद पर तैनात हो गए। यहां लगातार 10 वर्षों तक राजनीति शास्त्र के प्रवक्ता रहते हुए सेवाएं देनी शुरू कर दीं। इसी के बाद मुलायम सिंह यादव ने 28 साल की उम्र में 1967 में अपने राजनीतिक गुरू (political mentor) राम मनोहर लोहिया के संपर्क में आये। राजनीति में कदम रखते ही मुलायम सिंह यादव ने अपनी सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से विधायकी का चुनाव लड़ा था। इसमें जीत हासिल कर मुलायम का राजनीतिक करियर शुरू हो गया। इसके बाद साल 1968 में जब राम मनोहर लोहिया का निधन हो गया, तब मुलायम सिंह अपने दूसरे राजनीतिक गुरू चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) की पार्टी भारतीय क्रांति दल में शामिल हो गये। साल 1977 दूसरी बार विधायक चुने जानें पर मुलायम सिंह को यूपी की रामनरेश यादव सरकार में मंत्री बनाया गया। मुलायम सिंह पिछड़ी जातियों के बीच काफी लोकप्रिय हो गए थे। बताते चले की बेहद जमीनी नेता होने के कारण उनको धरती पुत्र भी कहा जाता है।

बीजेपी ने भी किया सपोर्ट

साल 1989 में वीपी सिंह राजीव गांधी सरकार (Rajiv Gandhi government) से इस्तीफा देकर देशभर में बोफोर्स घोटाले के बारे में लोगों को बता रहे थे। वीपी सिंह ने जनमोर्चा बनाया था। 1989 के दिसंबर में ही लोकसभा चुनाव के साथ-साथ यूपी विधान सभा चुनाव (Legislative Assembly) भी हुए। केंद्र में वीपी सिंह की सरकार बनी और यूपी में मुलायम सिंह यादव पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री (Chief Minister) बने। उस समय उन्हें बीजेपी ने भी सपोर्ट किया था। साल 1990 में मुलायम सिंह यादव ने चंद्रशेखर के साथ मिलकर समाजवादी जनता पार्टी बनाई। दो साल बाद यह साथ भी छूट गया। 

ऐसे बनाई समाजवादी पार्टी ने अपनी सरकार, बीच में टूटी

मुलायम सिंह यादव और उस समय बसपा प्रमुख कांशीराम ने भाजपा के सामने चुनाव लड़ा। इसमें दोनों पार्टियों ने मिलकर एक नारा भी दिया। साथ ही सपा और बसपा ने गठबंधन कर सरकार बना ली। बसपा की ओर से मायावती को मुख्यमंत्री बनाया गया। सरकार में आकर मुख्यमंत्री बनते ही मायावती के तौर तरीके बदल गये। वह मुलायम सिंह यादव पर आदेश चलाने लगी। यह बात मुलायम सिंह को नागवार गुजरी। उन्होंने इस बात को लेकर कांशीराम को भी बताया, लेकिन उनकी भी न चली। तो मुलायम सिंह ने समर्थन वापस ले लिया। इसी के बाद गेस्ट हाउस कांड हुआ।  

देश के रक्षा मंत्री भी रहे मुलायम

1996 में एक समय ऐसा भी आया जब मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav death) का नाम पीएम पद की रेस में था, लेकिन मिली जानकारी के अनुसार, दूसरे बड़े यादव नेता लालू यादव ने उनके नाम पर आपत्ति जता दी थी, जिसकी वजह से वो रेस में पिछड़ गए। हालांकि बाद में वह 1996 से 1998 के बीच देश के रक्षा मंत्री (Defense Minister) रहे। साल 2003 में मुलायम सिंह यादव(Mulayam Singh Yadav ) ने एक बार फिर सियासी अखाड़े का धोबी पछाड़ दांव चला और मायावती को पस्त कर दिया। एक साल पहले ही 2002 के चुनावों में मायावती ने बीजेपी के सहयोग से कुर्सी पाई थी। लेकिन बीजेपी ने उनसे अपना समर्थन वापस ले लिया। बताते चले कि एक बार भी मुलायम सिंह यादव पांच साल के लिए मुख्यमंत्री (Chief Minister) नहीं रह पाए थे। मुलायम ने अपने राजनीतिक जीवन में मुस्लिमों और यादवों को (Muslims and Yadavs) साथ लेकर चलने वाला टूट राजनीतिक समीकरण बनाया था, जिसके दम पर वो आज भी राज्य में बड़ी हैसियत रखते हैं और उनकी पार्टी विपक्षी पार्टी (opposition party) की भूमिका में है।

Tags:    

Similar News