संजय राउत ने मोहन भागवत के बयान का किया अभिनंदन, जानें आरएसएस चीफ ने हिंसा को लेकर क्या कहा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आरएसएस चीफ महोन भागवत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हिंसा से किसी का भला नहीं होता है। जिस समाज को हिंसा प्रिय है वह अब अपने अंतिम दिन गिन रहा है।;

Update: 2022-04-29 09:29 GMT

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh- आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) गुरुवार को पूर्वी महाराष्ट्र के भानखेड़ा रोड स्थित कंवरराम धाम में संत कंवरराम के प्रपौत्र साई राजलाल मोरदिया के 'गद्दीनाशिनी' कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस मौके पर अपने संबोधन में मोहन भगावत (RSS chief Mohan Bhagwat) ने देश के अलग-अलग राज्यों में हुई हिंसा (Violence) को लेकर बयान दिया है। मोहन भागवत के बयान का शिवसेना नेता संजय राउत ने अभिनंदन किया।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आरएसएस चीफ महोन भागवत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हिंसा से किसी का भला नहीं होता है। जिस समाज को हिंसा प्रिय है वह अब अपने अंतिम दिन गिन रहा है। हमें हमेशा अहिंसक और शांतिप्रिय होना चाहिए। इसके लिए सभी समुदायों को एक साथ लाना और मानवता की रक्षा करना जरूरी है। हम सभी को इस काम को प्राथमिकता के आधार पर करने की जरूरत है।

भागवत ने सिंधी भाषा और संस्कृति के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए देश में एक सिंधी विश्वविद्यालय स्थापित करने की जरूरत को भी रेखांकित किया। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि भारत एक बहुभाषी देश है और प्रत्येक भाषा का अपना महत्व है। समारोह में अमरावती जिले और देश के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों सिंधी समुदाय के सदस्य शामिल हुए।

आरएसएस प्रमुख ने जोर देकर कहा कि हिंसा से किसी को कोई फायदा नहीं होता और उन्होंने सभी समुदायों को एक साथ लाने और मानवता के संरक्षण का आह्वान किया। आरएसएस नेता की टिप्पणी भाजपा शासित मध्य प्रदेश और गुजरात सहित लगभग आधा दर्जन राज्यों में रामनवमी और हनुमान जयंती समारोह के दौरान सांप्रदायिक झड़पों की पृष्ठभूमि में आई है।

संजय राउत ने मोहन भागवत के बयान का अभिनंदन किया

समाचार एजेंसी एएआई के अनुसार, मुंबई में पत्रकारों से बातचीत करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान 'जिस समाज को हिंसा प्रिय है, वे अब अपने अंतिम दिन गिन रहा है' पर संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी है। संजय राउत ने कहा कि मैं मोहन भागवत जी का अभिनंदन करता हूं कि उन्होंने ऐसे विचार को आगे लाया है जिस पर पूरे देश में बहस होनी चाहिए।

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