2047 तक भारत को 'इस्लामिक मुल्क' बनाने की साजिश, PFI के खिलाफ NIA की चार्जशीट का खुलासा
एनआईए ने 26 जुलाई 2022 को भाजपा नेता प्रवीण नेत्तारू की हत्या के मामले में प्रतिबंधित संगठन पीएफआई (PFI) के 20 सदस्यों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। इसमें एनआईए ने पीएफआई के कई राज खोले हैं। पढ़िए पूरा मामला...;
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) ने कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के बेलारे गांव में 26 जुलाई 2022 को भाजपा के युवा मोर्चा के नेता प्रवीण नेत्तारू की हत्या के मामले (Pravin Nettaru Murder Case) में प्रतिबंधित संगठन पीएफआई (PFI) के 20 सदस्यों के खिलाफ अब चार्जशीट दायर की है। विशेष अदालत के समक्ष दायर आरोप पत्र में आगे उल्लेख किया गया है कि 20 पीएफआई सदस्यों में से छह फरार हैं और मामले में उनकी गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले के लिए इनाम घोषित किया गया है।
वहीँ, चार्जशीट में कहा गया है कि 2047 में देश में इस्लामिक शासन लागू करने के अपने एजेंडे के तहत पीएफआई लोगों में डर का माहौल बनाना चाहता था और प्रवीण नेत्तारू की हत्या भी उसी साजिश का हिस्सा थी। एक एनआईए (NIA) के अधिकारी ने अपनी पहचान छुपाने की शर्त पर बताया कि जांच में खुलासा हुआ है कि पीएफआई अपने एजेंडे के तहत लोगों में डर का माहौल बनाना चाहता था। इसके लिए पीएफआई ने एक खुफिया टीम बनाई थी, जिसे सर्विस टीम या किलर स्क्वॉड कहा जाता था। यह टीम लोगों की टारगेट किलिंग (Target killing) करती थी।
इस सर्विस टीम को एक विशेष समुदाय से संबंधित 'दुश्मनों' की पहचान करने, उन्हें ट्रैक करने और मारने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। यह टीम पीएफआई (PFI) के वरिष्ठ नेताओं के निर्देश पर काम करती थी। चार्जशीट में एनआईए ने कहा कि इसकी अगुवाई करने की जिम्मेदारी जिला सर्विस टीम के प्रमुख मुस्तफा पचार को दी गई थी। मुस्तफा ने चार लोगों की खोज की थी, जिनकी हत्या की जानी थी।
इनमें प्रवीण नेत्तारू का नाम भी शामिल है, जिस पर पिछले साल 26 जुलाई को घातक हथियारों से हमला किया गया था। आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की विभिन्न धाराओं 120B, 153A, 302 और 34 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 16, 18 और 20 और धारा 25 (1) (ए) के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है।