निर्भया गैंगरेप केस: दिल्ली हाईकोर्ट ने डेथ वारंट पर याचिका की खारिज, फांसी पर सस्पेंस बरकरार
निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने मुकेश ककी याचिका को खारिज कर दिया। जिसमें डेथ वारंट पर रोक लगाने के लिए अपील की थी।;
दिल्ली में 2012 निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में दोषियों को फांसी की सजा को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई हुए। कोर्ट ने मुकेश की याचिका पर सुनवाई की थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 4 में से एक दोषी मुकेश सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट में डेथ वारंट के खिलाफ याचिका दायर की थी। जस्टिस मनमोहन और संगीता ढींगरा सहगल की हाईकोर्ट की पीठ ने मुकेश की याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया। जिसमें 7 जनवरी के आदेश को उनके फांसी का वारंट पर रोक लगानी थी।
वहीं ट्रायल कोर्ट ने स्टेट को नोटिस जारी किया है। गुरुवार को दोपहर 2 बजे सुनवाई होगी। कोर्ट ने 2012 के दिल्ली गैंगरेप पीड़िता के माता-पिता से भी जवाब मांगा है।
2012 Delhi gangrape case: The trial court has issued notice to State; hearing to be held tomorrow at 2pm. Court has also sought response from parents of 2012 Delhi gangrape victim. https://t.co/zsRH6YmhZA
— ANI (@ANI) January 15, 2020
दिल्ली सरकार ने दिया जवाब
वहीं याचिका में यह भी कहा गया है कि मंगलवार को उन्होंने दिल्ली के उपराज्यपाल और भारत के राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिकाएं भी दायर कीं। दिल्ली सरकार ने कोर्ट से कहा कि जेल नियमों के तहत, हमें मौत की सजा वाले दोषी की दया याचिका का इंतजार करना होगा।
मुकेश के वकील ने दी दलील
मुकेश की ओर से पेश वकील ने कहा कि यहां तक कि मौत की सजा के दोषी भी संविधान के अनुच्छेद 21 में संरक्षण के हकदार हैं। राष्ट्रपति से दया मांगने का अधिकार संविधान की धार 72 के तहत मौत की सजा का संवैधानिक अधिकार है।
खबर से जुड़ी कुछ खास बातें...
2012 के निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में दोषियों को फांसी की सजा 22 जनवरी को नहीं होगी। दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि एक दोषी द्वारा दया याचिका दायर की गई है।
मुकेश ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की।
जेल अधिकारियों ने बताया कि कुछ ही समय बाद सुप्रीम कोर्ट ने डेथ वारंट पर रोक लगाने से इनकार किया।