Delhi Ordinance: दिल्ली सरकार की याचिका पर SC का केंद्र को नोटिस, कहा- LG को भी बनाए पक्षकार

Delhi Ordinance: सेवाओं पर नियंत्रण संबंधी अध्यादेश (Ordinance) की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार (Delhi Government) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया है। इसके साथ ही दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि उपराज्यपाल को भी पक्षकार बनाया जाए।;

Update: 2023-07-10 10:16 GMT

Delhi Ordinance: सेवाओं पर नियंत्रण संबंधी अध्यादेश (Ordinance) की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार (Delhi Government) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अपनी याचिका में संशोधन करने और मामले में उपराज्यपाल (LG) को भी पक्ष बनाने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया और आप सरकार की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से अपनी याचिका में संशोधन करने और मामले में एलजी को पक्षकार बनाने के लिए कहा है।

दिल्ली सरकार ने दायर की थी याचिका

आम आदमी पार्टी सरकार (AAP Government) ने एक याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया कि केंद्र द्वारा हाल ही में जारी किया गया अध्यादेश (Ordinance) कार्यकारी आदेश का असंवैधानिक रूप था। इसका उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट और संविधान के मौलिक सिद्धांतों दोनों को खत्म करना है। अध्यादेश को रद्द करने के साथ ही, दिल्ली सरकार ने इसके कार्यान्वयन पर अंतरिम रोक लगाने का भी अनुरोध किया था। हालांकि, कोर्ट ने इस पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया और मामले की सुनवाई अब 17 तारीख को होगी। 

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19 मई को केंद्र ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अध्यादेश, 2023 पेश किया था। यह दिल्ली में ग्रुप-ए अधिकारियों (Group-A Officers) के स्थानांतरण और पोस्टिंग के लिए जिम्मेदार एक प्राधिकरण की स्थापना करता है। सेवाओं के नियंत्रण पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के बाद अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के नेतृत्व वाली AAP सरकार ने इस कदम की को धोखा बताया था। कोर्ट ने पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि मामलों को छोड़कर दिल्ली में सेवाओं पर निर्वाचित सरकार को नियंत्रण प्रदान किया था। 

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