P Chidambaram: जानें आखिर कांग्रेस क्यों कह रही बदले की कार्रवाई, ये है एक बड़ा राज
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ( Former Finance Minister P Chidambaram)को गुरुवार को भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीबीआई की कोर्ट में पेश किया जाएगा। लेकिन आखिर कांग्रेस क्यों इस मामले को मोदी सरकार की बदले की कार्रवाई बता रही है।;
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ( Former Finance Minister P Chidambaram)को गुरुवार को भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीबीआई (CBI) की कोर्ट में पेश किया जाएगा। चिदंबरम पर वित्त मंत्री रहते हुए आईएनएक्स मीडिया कंपनी (INX Media Case) में विदेश निवेद को मंजूरी देने और (FIPB) के लिए मीडिया कंपनी पर अनियमितता की जांच हो रही है। इस मामले में 305 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप लगा है।
10 साल पहले भाजपा की तरह कांग्रेस ने लगाया आरोप
चिदंबरम की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस पार्टी इस बदले की कार्रवाई बता रही है और वहीं केंद्र द्वारा सीबीआई और ईडी की जांच पर सवाल भी उठाए हैं। कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा कि मोदी सरकार द्वारा उत्पीड़न और प्रतिशोध की राजनीति की शिकार हुए हैं चिदंबरम। लेकिन आखिर ऐसे क्यों कहा जा रहा है इसके लिए आपको गुजरात की राजनीति में जाना होगा।
अमित शाह और चिदंबरम के बीच वार
गुजरात में सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले में वर्तमान केंद्रीय मंत्री अमित शाह को कभी जेल की हवा खानी पड़ी थी। उस वक्त देश के तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम थे। कांग्रेस ने कहा कि चिदंबरम के खिलाफ सीबीआई का कदम 10 साल पहले राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई है। साल 2005 में गुजरात पुलिस ने सोहराबुद्दीन शेख का एनकाउंटर किया था। उस वक्त अमित शाह गुजरात के गृह मंत्री थे।
इसी मामले में जुलाई 2010 में अमित शाह को सीबीआई ने सोहराबुद्दीन मुठभेड़ मामले में गिरफ्तार किया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस मामले को जनवरी 2010 में सीबीआई को सौपा। इसके बाद कोर्ट में मामला चला तो अमित शाह को तीन महीने जेल में रहना पड़ा। अमित शाह पर हत्या, जबरन वसूली और अपहरण का आरोप लगा।
साल 2014 में सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ में मिली क्लीन चिट
उसके बाद उन्होंने जमानत के लिए आवेदन किया, तो सीबीआई ने गुजरात हाईकोर्ट ने जमानत ना देने के लिए कहा और कहा कि शाह सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने या गवाहों को धमका सकते हैं। लेकिन तीन महीने बाद गुजरात हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। लेकिन उन्हें गुजरात से बाहर रहने की शर्त रखी गई। अमित शाह 2010 से 2012 के बीच गुजरात से बाहर रहे। इसके बाद शाह ने चिदंबरम और कांग्रेस पर राजनीतिक की कार्रवाई का आरोप लगाया जो आज कांग्रेस लगा रही है। लेकिन अमित शाह को दिसंबर 2014 में सभी आरोपों से रिहा कर दिया गया।
सीबीआई ने ऐसे किया गिरफ्तार
दिल्ली हाई कोर्ट के जज सुनील गौड़ ने आईएनएक्स मीडिया केस में पी चिदंबरम को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। जिसके बाद उन्होंने 3 से 4 दिनों की मोहलत मांगी लेकिन कोर्ट ने वो भी देने से मना कर दिया। इसके बाद पी चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। लेकिन वहां से भी निराशा हाथ लगी। उसके बाद सीबीआई और ईडी ने लुकआउट नोटिस जारी कर दिया। सीबीआई ने साल 2006 के एयरसेल-मैक्सिम डील में एफआईपीबी की मंजूरी देने में कथित अनियमितता की जांच कर रही है। वहीं दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी इस संबंध में धन शोधन के मामले की जांच कर रहा है। इस केस में चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तार किया जा चुका है और 23 दिनों तक हिरासत में रखा।
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