Parliament Special Session: विशेष सत्र के एजेंडे में कई 'महत्वपूर्ण आइटम', केंद्रीय मंत्री बोले...

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि 18 से 22 सितंबर तक बुलाए गए संसद के विशेष सत्र के एजेंडे में 'महत्वपूर्ण आइटम' हैं और इसे 'बहुत जल्द' प्रसारित किया जाएगा।;

Update: 2023-09-01 12:30 GMT

Parliament Special Session: केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Pralhad Joshi) ने शुक्रवार को कहा कि 18 से 22 सितंबर तक बुलाए गए संसद के विशेष सत्र के एजेंडे में 'महत्वपूर्ण आइटम' हैं और इसे 'बहुत जल्द' प्रसारित किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आज गुरुवार को संसद के विशेष सत्र को लेकर बातचीत करते हुए कहा कि कई महत्वपूर्ण आइटम को लाए जा रहे हैं। हालांकि, उन्होंने एजेंडे की वस्तुओं पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि यह तैयारी के अंतिम चरण में है। उन्होंने आगे कहा कि हमने संसद सत्र बुलाया है और इसमें महत्वपूर्ण बातें हैं। एजेंडा बहुत जल्द प्रसारित किया जाएगा।

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विशेष सत्र के आखिरी दिन होगा पीएम मोदी के साथ होगा फोटो सेशन

बता दें कि केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। वहीं, इस दौरान विशेष सत्र के आखिरी दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दोनों सदनों के सांसदों का फोटो सेशन होगा। हालांकि, आमतौर पर यह फोटो सेशन 5 साल में संसद के आखिरी सेशन के आखिरी दिन किया जाता है।

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने किया था पोस्ट

केंद्रीय मंत्री ने इसको लेकर एक्स पर पोस्ट किया था। उन्होंने जानकारी देते हुए लिखा कि संसद का विशेष सत्र (17वीं लोकसभा का 13वां सत्र और राज्यसभा का 261वां सत्र) 18 से 22 सितंबर तक बुलाया जा रहा है, जिसमें 5 बैठकें होंगी। अमृत काल के बीच संसद में सार्थक चर्चा और बहस का इंतजार कर रहा हूं।

गौरतलब है कि इस साल के अंत में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं। इसको लेकर पक्ष-विपक्ष में जमकर बयानबाजी हो रही है। वहीं, संसद के विशेष सत्र को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज शुक्रवार को कहा कि विपक्ष से पूछे बिना, संसद का एक विशेष सत्र बुलाया गया है। संसद का एक विशेष सत्र तब भी नहीं बुलाया गया जब मणिपुर जल रहा था, जब कोविड-19 महामारी के दौरान, चीन के मुद्दे पर या नोटबंदी और प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर कभी विशेष सत्र नहीं बुलाया गया। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि अब एजेंडा क्या है। यह देश चलाने का तरीका नहीं है। हम धीरे-धीरे तानाशाही की ओर जा रहे हैं।

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