टेरर फंडिंग पर NIA की बड़ी कार्रवाई, दिल्ली से PFI अध्यक्ष गिरफ्तार, पीएफआई का मुख्यालय सील

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) ने आज देश भर के कई राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) के परिसरों पर छापेमारी की।;

Update: 2022-09-22 05:13 GMT

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) ने आज देश भर के कई राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (Popular Front of India) के परिसरों पर छापेमारी की। जांच एजेंसी ने टेरर फंडिंग और कैंप चलाने (Terror Funding and Running Camps) के मामले में यह कार्रवाई की है। इसी बीच दिल्ली पीएफआई अध्यक्ष परवेज ( PFI President Parvez Ahmed) को भी एनआईए (NIA) ने गिरफ्तार (Arrested) कर लिया है। बताया जा रहा है कि एनआईए की टीम ने सुबह करीब साढ़े तीन बजे यह कार्रवाई की है।

जांच एजेंसी परवेज के भाई को भी अपने साथ ले गई है। साथ ही एक अन्य सदस्य को भी एनआईए ने हिरासत में लिया है। परवेज दिल्ली के ओखला में रहता हैं। वह लंबे समय से पीएफआई से जुड़ा हुआ हैं। एनआईए ने यूपी, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु समेत कई राज्यों में पीएफआई और उससे जुड़े ठिकानों पर छापेमारी (NIA raids) की है। एनआईए (NIA) को बड़ी संख्या में पीएफआई और उससे जुड़े लोगों की संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली थी, जिसके आधार पर आज जांच एजेंसी व्यापक कार्रवाई कर रही है।

ईडी, एनआईए और राज्य पुलिस ने 11 राज्यों में 106 लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी ने सबसे ज्यादा 22 लोगों को केरल से गिरफ्तार किया है। उसके बाद महाराष्ट्र और कर्नाटक से 20, आंध्र प्रदेश से 5, असम से 9, दिल्ली से 3, मध्य प्रदेश से 4, पुडुचेरी से 3, तमिलनाडु से 10, यूपी से 8 और राजस्थान से 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा NIA द्वारा दर्ज़ एक मामले के सिलसिले में NIA ने हैदराबाद के चंद्रयानगुट्टा में PFI मुख्यालय को सील कर दिया।

NIA, ED, पैरामिलिट्री ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर कार्यालय को सील किया है। वही इस कार्रवाई के दौरान एजेंसियों को विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है। भारी संख्या में पीएफआई समर्थक जमा हो गए और अधिकारियों के खिलाफ 'गो बैक' के नारे लगाकर जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे है। वही एनआईए की इस बड़ी कार्रवाई पर पीएफआई के महासचिव अब्दुल सत्तार (PFI General Secretary Abdul Sattar) ने कहा कि फासीवादी शासन द्वारा विरोध की आवाजों को दबाने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किए जा रहे अत्याचारों का ताजा उदाहरण मध्यरात्रि में देखने को मिला, जब केंद्रीय एजेंसियों एनआईए और ईडी ने लोकप्रिय नेताओं के घरों में छापेमारी की। राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर के नेताओं के घरों पर छापेमारी की जा रही है। राज्य कमेटी कार्यालय पर भी छापेमारी की जा रही है। विरोध की आवाज़ों को शांत करने के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल करने के फ़ासीवादी शासन के कदम का हम कड़ा विरोध करें।

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