पीएम मोदी बोले, शेख मुजीबुर रहमान ने बांग्लादेश के लिए अपना पल-पल समर्पित किया
मुझे इस बात की भी खुशी है कि बीते 5-6 वर्षों में भारत और बांग्लादेश ने आपसी रिश्तों का भी शोनाली अध्याय गढ़ा है। अपनी पार्टनरशिप को नई दिशा और नए आयाम दिए हैं।;
पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बंगबंधु शेख मुजीबुर-रहमान की 100 वीं जयंती समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि शेख हसीना जी ने मुझे इस ऐतिहासिक समारोह का हिस्सा बनने के लिए व्यक्तिगत तौर पर निमंत्रण दिया था। लेकिन कोरोना वायरस की वजह से ये संभव नहीं हो पाया।
बंगबंधु शेख मुजीबुर-रहमान पिछली सदी के महान व्यक्तित्वों में से एक थे। उनका जीवन हमारे लिए प्रेरणा है। आज मुझे बहुत खुशी होती है, जब देखता हूं कि बांग्लादेश के लोग, किस तरह दिन-रात अपने प्यारे देश को शेख मुजीबुर-रहमान के सपनों का 'शोनार-बांग्ला' बनाने में जुटे हुए हैं।
मुजीबुर-रहमान ने अपना पल-पल समर्पित कर दिया
पीएम मोदी ने आगे कहा कि एक दमनकारी, अत्याचारी शासन ने, लोकतांत्रिक मूल्यों को नकारने वाली व्यवस्था ने, किस तरह बांग्ला भूमि के साथ अन्याय किया, उसके लोगों को तबाह किया, ये हम सभी भली-भांति जानते हैं।
उस दौर में जो तबाही मचाई गई थी, जो नरसंहार हुआ, उससे बांग्लादेश को बाहर निकालने के लिए, एक पॉजिटिव और प्रगतिशील समाज के निर्माण के लिए उन्होंने अपना पल-पल समर्पित कर दिया था।
भारत-बांग्लादेश देशों की मित्रता को भी नई बुलंदी देंगे
अगले वर्ष बांग्लादेश की 'मुक्ति' के 50 वर्ष होंगे और उससे अगले वर्ष यानि 2022 में भारत की आज़ादी के 75 वर्ष होने वाले हैं। मुझे विश्वास है कि ये दोनों पड़ाव, भारत-बांग्लादेश के विकास को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के साथ ही, दोनों देशों की मित्रता को भी नई बुलंदी देंगे।
पार्टनरशिप को नई दिशा और नए आयाम दिए हैं
मुझे इस बात की भी खुशी है कि बीते 5-6 वर्षों में भारत और बांग्लादेश ने आपसी रिश्तों का भी शोनाली अध्याय गढ़ा है। अपनी पार्टनरशिप को नई दिशा और नए आयाम दिए हैं। ये दोनों देशों में बढ़ता हुआ विश्वास है, जिसके कारण हम दशकों से चले आ रहे Land Boundary, Maritime Boundary से जुड़े मुद्दों को, शांति से सुलझाने में सफल रहे हैं।