DeepFake Issue: PM Modi की चिंता के बाद डीपफेक मुद्दे पर होगी स्पेशल ऑफिसर की नियुक्ति, बोले राजीव चंद्रशेखर

DeepFake Issue: पीएम मोदी की चिंता के बाद साइबर सिक्योरिटी और डीपफेक को लेकर सरकार की तरफ से कई कड़े कदम उठाए गए हैं। सरकार डीपफेक की निगरानी के लिए एक स्पेशल अधिकारी की नियुक्ति करेगी।;

Update: 2023-11-24 08:36 GMT

DeepFake Issue: सोशल मीडिया पर डीपफेक के खतरे को भांपते हुए केंद्र सरकार अलर्ट मोड पर काम कर रही है। इस पर लगाम लगाने के लिए सख्त नियम बनाए जाएंगे और लगातार बैठकों का दौर जारी है। इसी बीच, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने आज कहा कि डीपफेक जैसे कंटेंट की जांच के लिए एक अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा। यह अधिकारी इस तरह के कंटेंट को मॉनिटर करेंगे और शिकायतों का तय समय में निपटारा करेंगे।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ होगी कार्रवाई

केंद्र ऐसे खतरों को रोकने के लिए सभी उपाय करेगा। डीपफेक वीडियो पर जुर्माना के साथ-साथ जेल की सजा का भी प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि नियुक्त किए जाने वाले अधिकारी का मुख्य काम ऐसे वीडियो पर नजर रखना है। इस तरह के डीपफेक वीडियो प्रकाशित करने वाले व्यक्ति का जल्द से जल्द पता लगाया जाएगा। 36 घंटे के अंदर आरोपी व्यक्ति या उसके संगठन पर सख्त एक्शन लिया जाएगा।

सभी को नियमों का पालन करना होगा

चंद्रशेखर ने कहा कि सभी को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा तय किए गए नियमों का पालन करना होगा। डिजिटल युग में हर किसी के पास तकनीक है। लेकिन अगर कोई इसका दुरुपयोग करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीपफेक वीडियो बनाने वाले को 1 लाख रुपये के जुर्माने से लेकर 3 साल तक की जेल होगी। नियुक्त अधिकारी हर समय इसका निरीक्षण करेंगे। राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि केंद्र सरकार ने 24 नवंबर को गूगल, फेसबुक, यूट्यूब समेत ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों को तलब कर चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने अपनी साइट्स से डीपफेक नहीं हटाया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पीएम मोदी ने जताई थी चिंता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीपफेक वीडियो को लेकर चिंता जाहिर की थी। पीएम ने कहा कि एआई का दुरुपयोग कर डीपफेक वीडियो बनाना गहरी चिंता का विषय है। मोदी ने कहा कि उन्होंने चैटजीपीटी टीम से अनुरोध किया है कि अगर ऐसे वीडियो इंटरनेट पर प्रसारित हो रहे हों तो अलर्ट भेजें। उन्होंने कहा कि डीपफेक वीडियो समाज में अराजकता पैदा कर सकता है। इसलिए उन्होंने देश के नागरिकों और सोशल मीडिया से इस मामले पर नजर रखने की अपील की। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि मैंने एक वीडियो देखा जिसमें मैं गरबा डांस करता दिख रहा हूं। यह बिल्कुल असली लग रहा था।

डीपफेक क्या है

आज के डिजिटल युग में इंटरनेट की मदद से कई बार झूठी खबरें और भ्रामक सूचनाएं लोगों तक फैलाई जा रही हैं। इसका एक वीडियो भी दिया गया है। इसे डीपफेक कहा जाता है। असली और नकली में फर्क करना बहुत मुश्किल है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक (AI) और मशीन लर्निंग सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है।

इसका उपयोग फोटो, ऑडियो और वीडियो जैसी मीडिया फाइलों की कॉपी बनाने के लिए किया जाता है। यह बिल्कुल मूल फाइल की तरह दिखती हैं। सरल भाषा में कहें तो डीपफेक मॉर्फ वीडियो का एक रूप है।

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