जम्मू एयर फोर्स बेस पर ड्रोन हमले के बाद पीएम मोदी की हाईलेवल मीटिंग, अब जल्द आएगी ये नीति

भारतीय सेना पहले ही भविष्य मैं आने वाली चुनौतियों से निपटने की कोशिशों के तहत आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस, कागनिटिव साइंस, रोबोटिक्स, ड्रोन, क्वांटम कंप्यूटिंग, नैनो तकनीक और साइबर क्षमताओं को शामिल करने पर काम कर रही है।;

Update: 2021-06-30 03:07 GMT

जम्मू में एयर फोर्स बेस पर ड्रोन हमले के मद्देनजर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ बैठक हुई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस मीटिंग में भारत के सामने उभरते सुरक्षा खतरों और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए व्यापक आधार वाली नीति तैयार करने पर जोर दिया गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, इस मीटिंग में शामिल एक व्यक्ति ने कहा कि केंद्र सरकार इन उभरती चुनौतियों से सामूहिक रूप से निपटने को बहुत ही जल्दी एक नीति लेकर आ रही है। विभिन्न मंत्रालय और विभाग इस नीति पर काम कर रहे हैं। रक्षा मंत्रालय और जल, थल, और वायु सेना, सभी प्रमुख हितधारकों और सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय करके नीति के निर्माण के साथ-साथ इसके कार्यान्वयन में अग्रणी भूमिका निभाएंगी।

खबरों से मिली जानकारी के अनुसार जल, थल, और वायु सेना को ड्रोन हमलों जैसी नए जमाने की चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने और उन्हें नियंत्रित करने के लिए जसरूरी हार्डवेयर की खरीद के लिए आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए कहा जा रहा है। इसके अलावा मीटिंग में कई और पहलुओं पर भी चर्चा हुई है। इस मीटिंग में भारतीय सुरक्षा बलों को आधुनिक उपकरणों से लैस करने, क्षेत्र में ज्यादा युवाओं, स्टार्ट-अप और रणनीतिक समुदाय को शामिल करने पर भी चर्चा हुई है।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि भारतीय सेना पहले ही भविष्य मैं आने वाली चुनौतियों से निपटने की कोशिशों के तहत आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस, कागनिटिव साइंस, रोबोटिक्स, ड्रोन, क्वांटम कंप्यूटिंग, नैनो तकनीक और साइबर क्षमताओं को शामिल करने पर काम कर रही है। 

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