India-Sri lanka: पीएम मोदी और विक्रमसिंघे के बीच द्विपक्षीय वार्ता, रक्षा-सुरक्षा समेत कई मुद्दों पर बनी सहमति
India-Sri lanka: श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं। इस दौरान उऩ्होंने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) से मुलाकात की है और प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत की है। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर सहमति बनी है। पढ़िये पूरी रिपोर्ट...;
India and Sri Lanka: श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं। पीएम मोदी (PM Modi) ने बातचीत के लिए दिल्ली के हैदराबाद हाउस में विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) का स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रानिल विक्रमसिंघे के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत की है। इसमें ऊर्जा सुरक्षा, आर्थिक और वित्तीय संबंध, रक्षा और सुरक्षा सहयोग जैसे तमाम मुद्दों पर बातचीत हुई है। साथ ही, हवाई संपर्क बढ़ाने पर भी चर्चा हुई है।
पीएम मोदी बोले- भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट' नीति और 'सागर' विजन दोनों में श्रीलंका का भी एक जरूरी स्थान है। उन्होंने कहा कि आज हमने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और इंटरनेशनल मुद्दों पर अपने विचार साझा किए हैं। पीएम बोले कि हमारा मानना है कि भारत और श्रीलंका (India-Srilanka) के सुरक्षा हित और विकास दोनों एक-दूसरे के साथ आपस में जुड़े हुए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल श्रीलंका के लोगों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन एक करीबी दोस्त की तरह हम संकट के समय में श्रीलंका के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे। उन्होंने कहा कि हम भारत और श्रीलंका के बीच हवाई संपर्क बढ़ाने पर सहमत हैं। साथ ही, श्रीलंका में यूपीआई (UPI) करने पर भी सहमति बनी है।
रानिल विक्रमसिंघे ने अपने बयान में क्या कहा
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने हैदराबाद में डेलिगेशन स्तर (Delegation Meets) की बातचीत के बाद कहा कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी को उन सभी चुनौतियों से परिचित कराया है, जो पिछले साल हमने आर्थिक और सामाजिक रूप से झेली थी। उन्होंने कहा कि हम इस बात पर सहमत हैं कि भारत-श्रीलंका के बीच आर्थिक और तकनीकी सहयोग और द्विपक्षीय व्यापार व कई क्षेत्रों में इंवेस्टमेंट बढ़ाने के लिए तैयार हो गया है। विक्रमसिंघे ने कहा कि हमारा मानना है कि भारत की बढ़ोतरी पड़ोस और हिंद महासागर क्षेत्र के लिए काफी लाभकारी साबित होगी।