Independence Day 2023: पीएम मोदी ने लाल किले से SC का किया जिक्र, सीजेआई ने हाथ जोड़कर दिया जवाब
Independence Day 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले से अपने संबोधन में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की सराहना की है। इसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश सीजेआई चंद्रचूड़ ने हाथ जोड़कर अभिवादन किया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट विस्तार से...;
Independence Day 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी मंगलवार को प्रतिष्ठित लाल किले (Red Fort) की प्राचीर से अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान क्षेत्रीय भाषाओं के महत्व पर जोर दिया। क्षेत्रीय भाषाओं में फैसले मुहैया कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के हालिया कदम का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मातृभाषा का महत्व बढ़ रहा है। इससे कोर्ट के आदेश को पढ़ने में आसानी हो जाएगी।
सीजेआई ने हाथ जोड़कर टिप्पणी को स्वीकार किया
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देना चाहता हूं कि अब उसके फैसलों का ऑपरेटिव हिस्सा किसी की मातृभाषा में उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं का महत्व बढ़ रहा है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जो स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) समारोह में मेहमानों में शामिल थे, ने हाथ जोड़कर प्रधान मंत्री की टिप्पणी को स्वीकार किया जबकि अन्य मेहमानों ने तालियां बजाईं।
पीएम मोदी ने अपने भाषण में लगभग 90 मिनट तक बात की, जहां उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं। साथ ही, उन्होंने देश के सामने आ रही अलग-अलग चुनौतियों के बारे में भी बताया। प्रधानमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट का जिक्र तब किया जब उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा प्रदान करने पर अपनी सरकार के फोकस पर प्रकाश डाला। इस साल कोर्ट ने अपने लगभग 1,000 से ज्यादा फैसले क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराएं हैं।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने क्षेत्रीय भाषाओं में फैसले उपलब्ध कराने को कहा
सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने अक्सर अदालतों द्वारा क्षेत्रीय भाषाओं (Regional Language) में फैसले देने की आवश्यकता पर जोर दिया है। इस साल जनवरी में, CJI ने घोषणा की कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णयों का चार भाषाओं हिंदी, तमिल, गुजराती और ओडिया में अनुवाद किया जाएगा। साथ ही, उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं में निर्णयों का अनुवाद नागरिकों के लिए न्याय तक पहुंच में मदद करेगा। सीजेआई ने कहा था कि अग्रेजी एक ऐसी भाषा है कि जो देश के कई नागरिक समझ भी नहीं पाते हैं।