पीएम मोदी बोले- आयुष सेक्टर 3 बिलियन डॉलर से बढ़कर 18 के पार पहुंचा, भारत के स्टार्टअप्स का एक स्वर्णिम युग शुरू हो चुका
आयुष मंत्रालय ने ट्रेडिशनल मेडिसिन्स क्षेत्र में startup culture को प्रोत्साहन देने के लिए कई बड़े कदम उठाएं हैं। कुछ दिन पहले ही All India Institute of Ayurveda के द्वारा विकसित एक incubation centre का उद्घाटन किया गया है।;
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Modi) ने बुधवार को ग्लोबल आयुष इन्वेस्टमेंट एंड इनोवेशन समिट को संबोधित किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमनें अक्सर देखा है कि अलग अलग सेक्टर्स में निवेश के लिए इन्वेस्टमेंट समिट होती रही है। लेकिन ये पहली बार है जब आयुष सेक्टर के लिए इस तरह की समिट हो रही है। ऐसी इन्वेस्टमेंट समिट का विचार मुझे उस समय आया था जब कोरोना की वजह से पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ था। हम सभी देख रहे थें कि उस दौरान किस तरह आयुर्वेदिक दवाइयां, आयुष काढ़ा और ऐसे अनेक प्रोडक्ट्स इम्यूनिटी बढ़ाने में लोगों की मदद कर रहे थे।
बीजेपी ट्विटर के मुताबिक, पीएम नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि कोरोना कालखंड में भारत में से हल्दी का एक्सपोर्ट अनेक गुना बढ़ गया था। इसी दौर में हमने देखा कि जो मॉर्डन फार्मा कंपनियां हैं, वैक्सीन मैन्यूफैक्चर्स हैं, उन्हें उचित समय पर निवेश मिलने पर उन्होंने कितना बड़ा कमाल करके दिखाया। आयुष के क्षेत्र में Investment और Innovation की संभावनाएं असीमित हैं। आयुष दवाओं, supplements और कॉस्मेटिक्स के उत्पादन में हम पहले ही अभूतपूर्व तेज़ी देख रहे हैं। 2014 में जहां आयुष सेक्टर 3 बिलियन डॉलर से भी कम का था। आज ये बढ़कर 18 बिलियन डॉलर के भी पार हो गया।
आयुष मंत्रालय ने ट्रेडिशनल मेडिसिन्स क्षेत्र में startup culture को प्रोत्साहन देने के लिए कई बड़े कदम उठाएं हैं। कुछ दिन पहले ही All India Institute of Ayurveda के द्वारा विकसित एक incubation centre का उद्घाटन किया गया है। भारत के स्टार्टअप्स का एक स्वर्णिम युग शुरू हो चुका है। एक प्रकार से भारत में आज यूनिकॉर्न का दौर है। वर्ष 2022 में ही अब तक भारत के 14 स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न क्लब में जुड़ चुके हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि बहुत ही जल्द आयुष के हमारे स्टार्टअप्स भी यूनिकॉर्न उभरकर सामने आएगा।
बहुत जरूरी है कि मेडिसिनल प्लांट्स की पैदावार से जुड़े किसानों को आसानी से मार्केट से जुड़ने की सहूलियत मिले। इसके लिए सरकार आयुष ई-मार्केट प्लेस के आधुनिकीकरण और उसके विस्तार पर भी काम कर रही है। FSSAI ने भी पिछले ही हफ्ते अपने regulations में 'आयुष आहार' नाम की एक नयी category घोषित की है। इससे हर्बल nutritional supplements के उत्पादकों को बहुत सुविधा मिलेगी। भारत एक स्पेशल आयुष मार्क भी बनाने जा रहा है।
भारत में बने उच्चतम गुणवत्ता के आयुष प्रॉडक्ट्स पर ये मार्क लगाया जाएगा। ये आयुष मार्क आधुनिक टेक्नोलॉजी के प्रावधानों से युक्त होगा। इससे विश्व भर के लोगों को क्वालिटी आयुष प्रॉडक्ट्स का भरोसा मिलेगा। केरल के tourism को बढ़ाने में Traditional Medicine ने मदद की। ये सामर्थ्य पूरे भारत में है, भारत के हर कोने में है। 'Heal in India' इस दशक का बहुत बड़ा brand बन सकता है। आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा आदि विद्याओं पर आधारित wellness centres बहुत प्रचलित हो सकते हैं।
जो विदेशी नागरिक, भारत में आकर आयुष चिकित्सा का लाभ लेना चाहते हैं, उनके लिए सरकार एक और पहल कर रही है। शीघ्र ही, भारत एक विशेष आयुष वीजा कैटेगरी शुरू करने जा रहा है। इससे लोगों को आयुष चिकित्सा के लिए भारत आने-जाने में सहूलियत होगी। 21वीं सदी का भारत दुनिया को अपने अनुभवों, अपने ज्ञान,अपनी जानकारी साझा करते हुए आगे बढ़ना चाहता है। हमारी विरासत मानवता के लिए विरासत की तरह है, हम वसुधैव कुटुंबकम वाले लोग हैं। हम दुनिया का दर्द कम करने के लिए कृत संकल्प लोग हैं। 'सर्वे संतु निरामया' यही तो हमारा जीवन मंत्र है।
ट्रेडिशनल मेडिसीन से जुड़े ज्ञान का विकास और विस्तार तभी संभव है, जब उनको साइंटिफिक स्पिरिट में देखेंगे। उन्हें देश, काल और परिस्थिति के अनुसार ढालेंगे। ये ऐसा समय है जब भारत अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। मुझे पूरा भरोसा है कि अगले 25 साल का हमारा अमृत काल दुनिया के कोने कोने में ट्रेडिशनल मेडिसीन का स्वर्णिम काल होगा।