पीएम मोदी बोले- यहां औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं, सभ्यता को तलवार के दम पर की गई थी कुचलने की कोशिश, पढ़ें पूरा भाषण
महारानी अहिल्याबाई होल्कर के बाद काशी के लिए इतना काम अब हुआ है। महाराजा रंजीत सिंह जी ने मंदिर के शिखर पर स्वर्ण जड़वाया था। काशी शब्दों का विषय नहीं है, संवेदनाओं की सृष्टि है। काशी वो है- जहां जागृति ही जीवन है! काशी वो है- जहां मृत्यु भी मंगल है! काशी वो है- जहां सत्य ही संस्कार है! काशी वो है- जहां प्रेम ही परंपरा है।;
Pm Modi Inauguration Kashi Vishwanath Dham Corridor Project: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor in Varanasi) को लोगों को समर्पित कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण कर उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि काशी में कुछ भी खास हो, कुछ भी नया हो काशी के कोतवाल काल भैरव से पूछना जरूरी है। हमारे पुराणों में कहा गया है कि जैसे ही कोई काशी में प्रवेश करता है सारे बंधनों से मुक्त हो जाता है। अभी मैं बाबा के साथ साथ नगर कोतवाल कालभैरव जी के दर्शन करके भी आ रहा हूँ, देशवासियों के लिए उनका आशीर्वाद लेकर आ रहा हूँ। काशी में कुछ भी नया हो, उनसे पूछना आवश्यक है। मैं काशी के कोतवाल के चरणों में भी प्रणाम करता हूं।
हमारे पुराणों में कहा गया है कि जैसे ही कोई काशी में प्रवेश करता है, सारे बंधनों से मुक्त हो जाता है। भगवान विश्वेश्वर का आशीर्वाद, एक अलौकिक ऊर्जा यहाँ आते ही हमारी अंतर-आत्मा को जागृत कर देती है। जब भी कोई शुभ अवसर होता है सारी शक्तियां, देवियां काशी में उपस्थित हो जाती हैं। यहां आसपास जो अति प्राचीन मंदिर विलुप्त हो गए थे उन्हें भी पुनर्स्थापित कर दिया गया है। विश्वनाथ धाम का यह पूरा परिसर एक भव्य भवन भर नहीं है। यह प्रतीक है हमारी सनातन संस्कृति, प्राचीनता, ऊर्जा, परंपरा और गतिशीलता का। जब आप यहां आएंगे तो आस्था और अतीत के गौरव का अहसास भी होगा।
काशी में एक ही सरकार है, जिनके हाथों में डमरू है, उनकी सरकार है
आज शिव जी का प्रिय दिवस सोमवार है। आज की तिथि मार्गशीर्ष शुक्ला दशमी, विक्रम संवत् 2078 नया इतिहास रच रही है और हम इसके साक्षी बन रहे हैं। यहां आसपास जो अति प्राचीन मंदिर विलुप्त हो गए थे, उन्हें भी पुनर्स्थापित कर दिया गया है। बाबा विश्वनाथ सबके हैं, मां गंगा सबकी है। उनका आशीर्वाद सबके लिए है लेकिन समय और परिस्थिति के चलते यहां आना दुर्गम हो गया था, लेकिन अब यहां पहुंचना सुगम हो गया है।
पहले यहां जो मंदिर क्षेत्र केवल 3000 वर्ग फीट में था वो अब 5 लाख वर्ग फीट का हो गया है। अब यहां 70 हजार तक श्रृद्धालु आ सकते हैं। जब मैं बनारस आया था तब एक विश्वास लेकर आया था, विश्वास अपने से ज्यादा बनारस के लोगों पर था। आज हिसाब-किताब का समय नहीं है। तब कुछ ऐसे लोग भी थे जो बनारस के लोगों पर संदेह करते थे कि कैसे होगा, नहीं होगा, ये मोदी जी जैसे बहुत आकर गए। मुझे बहुत आश्चर्य होता था, लेकिन ये जड़ता बनारस की नहीं थी, वो राजनीति थी। लेकिन काशी तो, काशी है। काशी तो अविनाशी है।
काशी में एक ही सरकार है। जिनके हाथों में डमरू है, उनकी सरकार है। जहां गंगा अपनी धारा बदलकर बहती हो उस काशी को भला कौन रोक सकता है। शिव ने स्वयं कहा है कि मेरी इच्छा के बिना यहां कौन आ सकता है। काशी में जो कुछ भी होता है महादेव की इच्छा से हुआ है, जो भी हुआ है महादेव ने ही किया है। इसके लिए बाबा के अलावा किसी का श्रेय है तो वह हम गणों का है, जो हम सब काशीवासी हैं। उन हर एक श्रमिक भाइयों को भी धन्यवाद। जिनका पसीना इस भव्य भवन के निर्माण में बहा है और कोरोना काल में भी उन्होंने यहां का काम रुकने नहीं दिया। मुझे उनका आशीर्वाद लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। कितने ही कालखंड आए-गए, कितनी ही सलतनतें आईं और गईं, लेकिन बनारस बना हुआ है। काशी के सौन्दर्य ने संसार को आकर्षित किया है।
औरंगजेब ने सभ्यता को तलवार के दम पर कुचलने की कोशिश की
आतताइयों ने इस नगरी पर आक्रमण किए। औरंगजेब ने सभ्यता को तलवार के दम पर कुचलने की कोशिश की। लेकिन इस देश की मिट्टी पूरी दुनिया से अलग है। अगर यहां औरंगबेज आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं। आज समय का चक्र देखिए, आतंक के वो पर्याय इतिहास के काले पन्नों में सिमट कर रह गए हैं और मेरी काशी आगे बढ़कर अपने गौरव को नई भव्यता दे रही है। हमारे शास्त्रों ने भी काशी की महिमा गाते हुए आखिर में नेति-नेति ही कहा है। यानी जितना कहा है उतना ही नहीं है, आगे अनंत है।
यहां का हर पत्थर शंकर है, इसलिए हम अपनी काशी को सजीव मानते हैं। इसलिए देश के कण-कण में हमें मातृत्व के भाव की अनुभूति होती है। बनारस वो नगर है जहां जगतगुरु शंकराचार्य को भी प्रेरणा मिली और उन्होंने देश को एक सूत्र में बांधने का संकल्प लिया। काशी के सब बंधुअन के साथ बाबा विश्वनाथ के चरणन में हम शीश नवावत हईं। मां अन्नपूर्णा के चरणन क बार-बार वंदन करअत हईं।
ये काशी अहिंसा और तप की प्रतिमूर्ति और चार जैन तीर्थों की भी भूमि है। बनारस वो नगर है जहां से भगवान तुलसीदास को श्रीरामचरित मानस रचने की प्रेरणा मिली। कितने ही ऋषियों-मुनियों की तपोभूमि, जन्म भूमि, कर्म भूमि काशी रही है। जिस तरह काशी अनंत है वैसे ही काशी का योगदान भी अनंत है। हर मत-मतांतर के लोग, हर भाषा वर्ग के लोग यहां आते हैं और यहां से अपना जुड़ाव महसूस करते हैं। काशी भारत की आत्मा का एक जीवंत अवतार भी है। काशी में मंदिर तोड़ा गया तो महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने इसका निर्माण करवाया, मैं उन्हें नमन करता हूं।
काशी ने जब भी करवट ली है तो देश का भाग्य भी बदला
महारानी अहिल्याबाई होल्कर के बाद काशी के लिए इतना काम अब हुआ है। महाराजा रंजीत सिंह जी ने मंदिर के शिखर पर स्वर्ण जड़वाया था। काशी शब्दों का विषय नहीं है, संवेदनाओं की सृष्टि है। काशी वो है- जहां जागृति ही जीवन है! काशी वो है- जहां मृत्यु भी मंगल है! काशी वो है- जहां सत्य ही संस्कार है! काशी वो है- जहां प्रेम ही परंपरा है। भारत के हजारों सालों की उर्जा ऐसे ही तो सुरक्षित रही है, जब अलग-अलग स्थानों के सूत्र से जुड़ते हैं जो एक राष्ट्र श्रेष्ठ राष्ट्र की अनुभूति होती है। ये सिर्फ संयोग नहीं है कि काशी ने जब भी करवट ली है तो देश का भाग्य भी बदला है।
नए भारत में विरासत भी है और विकास भी है
काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण देश को उज्जवल भविष्य की ओर ले जाएगा। ये परिसर हमारे सामर्थ्य और कर्तव्य का साक्षी है। अगर कुछ सोच लिया जाए और ठान लिया जाए तो असंभव कुछ भी नहीं है। हम भारतीयों की भुजाओं में अनंत उर्जा व बल है। विनाश करने वालों की शक्ति, भारत की शक्ति से बड़ी नहीं हो सकती है। सदियों की गुलामी ने हम पर जो प्रभाव डाला था, जिस हीन भावना से भारत को भर दिया गया था, ये भारत उससे बाहर निकल चुका है। आज का भारत अयोध्या में सिर्फ प्रभु श्री राम का मंदिर ही नहीं बना रहा बल्कि देश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज भी बना रहा है। नए भारत में विरासत भी है और विकास भी है।
मेरे लिए जनता जनार्दन और हर भारतवासी ईश्वर का ही रूप है
आज का भारत अपनी खोई हुई विरासत को फिर से संजो रहा है। यहां काशी में तो माता अन्नपूर्णा स्वयं विराजित हैं। मुझे प्रसन्नता है कि यहां से चुराई गई माता अन्नपूर्णा की प्रतिमा 1000 वर्ष बाद यहां पुनः स्थापित कर दी गई है। मां अन्नपूर्णा के आशीर्वाद से कोरोना काल में भी देशवासियों को भोजन की कमी नहीं हुई। मेरे लिए जनता जनार्दन और हर भारतवासी ईश्वर का ही रूप है। मैं जब आपको ईश्वर का रूप मानता हूं तो आपसे तीन संकल्प बाबा की पवित्र धरती से मांगता हूं- 1. स्वच्छता 2. सृजन 3. आत्मनिर्भर भारत के लिए निरंतर प्रयास। यहां बनारस में भी शहर और घाटों पर हमें स्वच्छता को एक नए स्तर पर लेकर जाना है। मां गंगा की स्वच्छता के लिए हमें सजग होकर काम करते रहना होगा।
अमृतकाल में भारत 130 करोड़ भारतीयों के प्रयासों से आगे बढ़ रहा
गुलामी के लंबे कालखंड में हम भारतीयों का आत्मविश्वास ऐसा तोड़ा गया कि हम अपने सृजन पर ही विश्वास खो बैठे थे। आज मैं काशी से हर देशवासी का आव्हान करता हूं कि पूरे आत्मविश्वास से सृजन कीजिए। हर भारतवासी जब किसी भी क्षेत्र में, देश के लिए कुछ नया करने का प्रयास करेंगे तब नए मार्ग मिलेंगे और नए मार्ग बनेंगे। और हम हर नई मंजिल पाकर रहेंगे। अमृतकाल में भारत 130 करोड़ भारतीयों के प्रयासों से आगे बढ़ रहा है। बाबा काशी विश्वनाथ के आशीर्वाद से हम आत्मनिर्भर का सपना सच होते देखेंगे।
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पीएम नरेंद्र मोदी ने श्री काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण कर दिया है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमारी इस वाराणसी ने युगों को जिया है, इतिहास को बनते बिगड़ते देखा है। कितने ही कालखंड आये, कितनी ही सल्तनतें उठी और मिट्टी में मिल गई। फिर भी बनारस बना हुआ है। बनारस अपना रस बिखेर रहा है। मैं आज अपने हर उस श्रमिक भाई-बहन का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिसका पसीना इस भव्य परिसर के निर्माण में बहा है। कोरोना के विपरीत काल में भी, उन्होंने यहां पर काम रुकने नहीं दिया। पीएम मोदी ने कहा कि 3 हजार वर्ग फीट 5 लाख वर्ग फीट हो गया।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 1,000 साल तक बाबा विश्वनाथ के धाम विपरीत परिस्थितियों में रहे। उन्होंने कहा कि हजारों साल का इंतजार खत्म हुआ
* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी पहुंचकर गंगा नदी में डुबकी लगाई। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना करते हुए।
* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी के खिड़कियां घाट से क्रूज़ में बैठकर ललिता घाट के लिए रवाना हुए। यहां से प्रधानमंत्री क्रूज़ में बैठकर काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचेंगे।
* काल भैरव मंदिर में पूजा करने के बाद पीएम मोदी खिड़किया घाट पहुंचे हैं। पीएम मोदी के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ मौजूद हैं। पीएम मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा तट का जायजा लिया और पूरे तट का भ्रमण किया। यहां से पीएम मोदी एक वोट के जरिए सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ ललिता घाट के लिए निकलेंगे।
* श्री काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि काशी को दिव्य काशी बनाने का जो संकल्प प्रधानमंत्री ने लिया था वो पूरा हो रहा है। धर्म और संस्कृति को बढ़ाने के सारे काम मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद तेजी से बढ़े हैं। जो आज लोगों के सामने हैं।
* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में काल भैरव मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे। पीएम मोदी ने काल भैरव मंदिर में आरती भी की। समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से पीएम मोदी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय दौरे के लिए वाराणसी पहुंचे। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उनका स्वागत किया।