पीएम मोदी ने वाराणसी को दिया गिफ्ट, बोले- कोरोना काल में भी नहीं रुकी काशी, पढ़ें पूरा भाषण

पीएम मोदी ने कहा कि बनारस में जो विकास के कार्य हो रहे हैं, सरकार ने जो निर्णय लिये हैं, उनका लाभ बनारस के लोगों को मिल रहा है। ये जो सब कुछ हो रहा है उसके पीछे बाबा विश्वनाथ का ही आशीर्वाद है।;

Update: 2020-11-09 05:48 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को करोड़ों रुपयों की परियोजनाओं की सौगात दी है। पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया है। बीजेपी ट्विटर के मुताबिक, इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि बनारस में जो विकास के कार्य हो रहे हैं, सरकार ने जो निर्णय लिये हैं, उनका लाभ बनारस के लोगों को मिल रहा है। ये जो सब कुछ हो रहा है उसके पीछे बाबा विश्वनाथ का ही आशीर्वाद है।

महादेव के आशीर्वाद से काशी कभी थमती नहीं है। मां गंगा की तरह निरंतर आगे बढ़ती रहती है। कोरोना के कठिन काल में भी काशी आगे बढ़ती रही। कोरोना के खिलाफ बनारस ने जिस जीवटता से लड़ाई लड़ी है, इस मुश्किल समय में जो सामाजिक एकजुटता का परिचय दिया है। वो बहुत प्रशंसनीय है। महादेव का आशीर्वाद ही है कि जब भी काशी के लिए नए कार्यों की शुरुआत होती है, तो पुराने कई संकल्प पूरे हो चुके होते हैं। यानी एक तरफ शिलान्यास, दूसरी तरफ लोकार्पण होता है। आज भी करीब 220 करोड़ रुपये की 16 योजनाओं के लोकार्पण के साथ, करीब 400 करोड़ रुपये की 14 योजनाओं पर काम शुरु हुआ है। 

बनारस के शहर और देहात के इस विकास योजना में पर्यटन के साथ-साथ संस्कृति और सड़क, बिजली, पानी भी हो। हरदम प्रयास ये ही है कि काशी के हर व्यक्ति की भावनाओं के अनुरूप ही विकास का पहिया आगे बढ़े। मां गंगा को लेकर ये प्रयास, ये प्रतिबद्धता काशी का संकल्प भी है, और काशी के लिए नई संभावनाओं का रास्ता भी है। धीऱे-धीरे यहां के घाटों की तस्वीर बदल रही है। गंगा घाटों की स्वच्छता और सुंदरीकरण के साथ-साथ सारनाथ भी नए रंगरूप में निखर रहा है। 

आज गंगा एक्शन प्लान प्रोजेक्ट के तहत काशी में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम पूरा हो चुका है। साथ ही साही नाला से अतिरिक्त सीवेज गंगा में गिरने से रोकने के लिए डायवर्जन लाइन का शिलान्यास भी किया गया है। आज जिस लाइट एंड साउंड कार्यक्रम का लोकार्पण किया गया है, उससे सारनाथ की भव्यता और अधिक बढ़ जाएगी। काशी की एक बड़ी समस्या यहां लटकते बिजली के तारों के जाल की रही है। आज काशी का बड़ा क्षेत्र बिजली के तारों के जाल से भी मुक्त हो रहा है। तारों को अंडरग्राउंड करने का एक और चरण, आज पूरा हो चुका है।

बनारस की कनैक्टिविटी हमेशा से हमारी सरकार की प्राथमिकता रही है। काशीवासियों का और यहां ने वाले हर श्रद्धालु का समय सड़क जाम में न लगे, इसके लिए यहां नए इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जा रहा है। बाबतपुर से शहर को कनेक्ट करने वाली सड़क भी अब बनारस की नई पहचान बनी है। आज एयरपोर्ट पर दो Passenger Boarding Bridge का लोकार्पण होने के बाद इन सुविधाओं का और विस्तार होगा। छह वर्ष पहले जहां बनारस से हर दिन 12 फ्लाइट्स चलती थीं, आज इससे 4 गुणा फ्लाइट्स चलती हैं।

बीते छह सालों में बनारस में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी अभूतपूर्व काम हुए हैं। आज काशी यूपी ही नहीं, बल्कि एक तरह से पूरे पूर्वांचल के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का हब बनता जा रहा है। अब पूर्वांचल के लोगों को छोटी-छोटी जरूरत के लिए दिल्ली-मुंबई के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। बनारस और पूर्वांचल के किसानों के लिए तो स्टोरेज से लेकर ट्रांसपोर्ट तक की अनेक सुविधाएं यहां तैयार की गई हैं।

International Rice Institute का Centre हो, Milk Processing Plant हो, Perishable Cargo Center का निर्माण हो, ऐसी अनेक सुविधाओं से किसानों को बहुत लाभ हो रहा है। ये भी हमारे लिए गर्व की बात है कि इस साल पहली बार वाराणसी से फल, सब्जी और धान को विदेश के लिए निर्यात किया गया है। गांव में रहने वाले लोगों को, गांव की जमीन, गांव के घर का, कानूनी अधिकार देने के लिए 'स्वामित्व योजना' शुरू की गई है। गांवों में घर मकान को लेकर जो विवाद होते थे, इस योजना से मिले प्रॉपर्टी कार्ड के बाद, उनकी गुंजाइश नहीं रह जाएगी। 

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