CAA Protest : महात्मा गांधी ने कहा था पाकिस्तान में रहने वाले सिख-हिंदू जब चाहें भारत आ सकते हैं

पीएम मोदी ने कहा कि मोदी को नहीं गांधी को तो मानो। भारत-पाकिस्तान के बटवारे के दौरान गांधी जी ने कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले सिख और हिंदुओं को जब लगे कि वो भारत आना चाहते हैं तो वो भारत आ सकते हैं। नागरिकता कानून महात्मा गांधी की भावनाओं के अनुरूप है।;

Update: 2019-12-22 09:53 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में धन्यवाद रैली को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने नागरिका कानून का विरोध करने वाले विरोधियों को आड़े हाथ लेते हुए जमकर खरी खोटी सुनाई है। पीएम मोदी ने अन्य देश से आये शरणार्थियों को भारत में नागरिकता देने के लिए भारत के राष्ट्रपिता का जिक्र करते हुए कहा कि मेरी मानों न मानों लेकिन गांधी जी की तो मानो।

पीएम मोदी ने कहा कि मोदी को नहीं गांधी को तो मानो। भारत-पाकिस्तान के बटवारे के दौरान गांधी जी ने कहा था कि पाकिस्तान में रहने वाले सिख और हिंदुओं को जब लगे कि वो भारत आना चाहते हैं तो वो भारत आ सकते हैं। नागरिकता कानून महात्मा गांधी की भावनाओं के अनुरुप है।

महात्मा गांधी ने शरणार्थियों को किया संबोधित

भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को 11 नवंबर 1947 कुरूक्षेत्र में पाकिस्तान के झंग और मुल्तान से आए लाखों शरणार्थियों से मिलने जाना था। लेकिन गांधी जी उनसे मिलने नहीं जा पाए क्योंकि उन्हें कांग्रेस की एक अहम बैठक में हिस्सा लेना था।

इसके बाद गांधी जी ने 12 नवंबर 1947 को आकाशवाणी से लाखों शरणार्थियों को संबोधित किया था। इस दौरान गांधी जी ने शरणार्थियों को दीपोत्सव की बधाई दी और कहा कि आप लोगों की परेशानियों जल्द ही ठीक हो जाएंगी।

आप सब धैर्य से काम लें। मैं जानता हूं कि आपके सामने बड़ी विपत्ति आई हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गांधी जी ने इस दौरान यह भी कहा था कि यदि पाकिस्तान में रहने वाले सिख और हिंदुओं को जब यह महसूस हो उन्हें भारत आना चाहिए तो वे यहां आ सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा था दुखियों के साथ दुख उठाना और उनके दुखों को दूर करना ही उनके जीवन का काम रहा है। 

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