'देश निर्माण में कानून बिरादरी की भूमिका महत्वपूर्ण', अंतर्राष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन में बोले पीएम मोदी

International Lawyers Conference 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार काे दिल्ली के विज्ञान भवन में 'अंतर्राष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन 2023' का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम ने महिला आरक्षण, जी-20 शिखर सम्मेलन और साइबर सुरक्षा विषय पर कार्यक्रम को संबोधित किया। पढ़िए पूरी खबर...;

Update: 2023-09-23 07:30 GMT

International Lawyers Conference 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यानी आज दिल्ली के विज्ञान भवन में 'अंतर्राष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन 2023' का उद्घाटन किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल(Arjun Ram Meghwal) समेत कई मंत्री मौजूद थे। पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन वसुधैव कुटुंबकम की भारत की भावना का प्रतीक बन गई है। किसी देश के निर्माण में कानून बिरादरी की बहुत बड़ी भूमिका होती है। कानून बिरादरी के लोग भारत में वर्षों से न्यायतंत्र और भारत की न्याय व्यवस्था के संरक्षक रहे हैं। पीएम ने कहा कि कानूनी पेशेवरों के अनुभव ने आजाद भारत की नींव को मजबूत करने का काम किया है। आज भारत के प्रति विश्व का जो भरोसा बढ़ रहा है, उसमें भी भारत की न्याय व्यवस्था की बड़ी भूमिका है।

महिला आरक्षण का किया जिक्र 

पीएम मोदी ने महिला आरक्षण का जिक्र करते हुए कहा, आज अंतर्राष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जब भारत कई ऐतिहासिक निर्णयों का साक्षी बना है। एक दिन पहले ही भारत की संसद ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण देने का कानून पास किया। सरकार के इस कदम से महिलाओं की भागी और भी ज्यादा बढ़ेगी।

जी20 शिखर सम्मेलन पर बोले पीएम

प्राइमिनिस्टर ने जी20 शिखर सम्मेलन का जिक्र करते हुए आगे कहा कुछ ही दिन पहले ही G20 शिखर सम्मेलन के ऐतिहासिक आयोजन में भारत ने दुनिया को प्रजातंत्र, जनसांख्यिकी और कूटनीति की झलक भी दिखाई। इसके अलावा पीएम ने चंद्रयान-3 के सफल सॉफ्ट लैंडिंग का जिक्र करते हुए कहा एक महीने पहले आज ही के दिन भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के समीप पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बना था।

साइबर सुरक्षा का उठाया मुद्दा  

प्रधानमंत्री ने साइबर सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए कहा साइबर आतंकवाद हो, मनी लॉन्ड्रिंग हो, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हो, विभिन्न मुद्दों पर सहयोग के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क तैयार करना सिर्फ किसी शासन या सरकार से जुड़ा मामला नहीं है। इसके लिए अलग-अलग देशों के कानूनी ढांचा को भी एक दूसरे से जुड़ना होगा।

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