प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एनपीआर पर विपक्ष को दिया जवाब, कहा वोट बैंक की राजनीति करती है विपक्षी पार्टियां
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के लिए डेटा पहली बार 2010 में यूपीए सरकार द्वारा जमा किया गया था। यह हर 10 साल में जमा किया जाएगा।;
सीएए और एनआरसी के बाद एनपीआर के मुद्दे पर भी विपक्षी पार्टियां अपना विरोध प्रदर्शन कर रही है। हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी अपनी जनसभा में एनपीआर का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि वो अगर आधार कार्ड या तुमसे तुम्हारी कोई भी डिटेल मांगते हैं तो तब तक मत दो, जब तक मैं न कहुं।
एनपीआर के इस मुद्दे पर ममता बनर्जी के साथ-साथ अन्य पार्टियां भी अपना विरोध दर्शाती रही हैं। इसी के जवाब में नरेन्द्र मोदी ने राज्यसभा में कहा कि एनपीआर और जनगणना (census) सामान्य सरकार के तरीके हैं जिसे पहले भी लाया जा चुका है। लेकिन वोट बैंक की राजनीति करने के लिए वही इसका विरोध कर रहे हैं। जो लोग इसे पहले ला चुके हैं और गलत सूचना फैला रहे हैं। क्योंकि अब आप विपक्ष में हैं। विपक्ष में रहने के कारण आज आपके द्वारा ही लाया गया एनपीआर आज आपको बुरा लगना लगा है?
PM Narendra Modi in Rajya Sabha: Kyunki ab aap vipaksh mein hain to aapke hi dwara kiya gaya NPR ab aap ko bura lagne laga hai https://t.co/2yfUUbipvv
— ANI (@ANI) February 6, 2020
क्या है एनपीआर
एनपीआर देश के सामान्य नागरिकों की एक सूची है जो लोकल क्षेत्र में पिछले छह महीने या उससे अधिक समय से देश में रहता है या जो अगले छह महीने या उससे अधिक समय तक किसी क्षेत्र में रहना चाहता है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के लिए डेटा पहली बार 2010 में यूपीए सरकार द्वारा जमा किया गया था और यह हर 10 साल में जमा किया जाएगा। एनपीआर हर गांव, उप-जिला और जिला के निवासियों के डाटा को जमा करके तैयार किया जाएगा।