प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कोरोना खानपान में अंतर नहीं देखता, पढ़िए अफवाहों पर क्या दिए जवाब
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी संसदीय क्षेत्र के लोगों से बुधवार को संवाद किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री लोगों से रूबरु हुए। इस दौरान प्रधानमंत्री लोगों के सवालों के जवाब भी दिए।;
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करने के बाद बुधवार को वाराणसी के लोगों से बातचीत की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने क्षेत्र में फैल रही अफवाहों के जवाब दिए। इस दौरान लोगों को प्रेरित करते हुए कहा कि वाराणसी के लोग देश को दिशा दिखा सकते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने पूछे गए सवालों के ये जवाब दिए।
प्र. लोग सोच रहे हैं कि भारतीय खानपीन अलग है। इसको कारण कुछ नहीं होगा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीमारी किसी से भेदभाव नहीं करती। खानपीन का असर इसके ऊपर नहीं पड़ता है। लेकिन हम जो चीज सरल होती है। लोग क्या करते हैं और क्या नहीं करते इसका फर्क नहीं पड़ता। लोग जितनी जलती गलतफहमी से निकलेंगे उतना अच्छा है।
प्र. लॉकडाउन से काफी लोग फंस गए हैं?
यदि अगले 21 दिन तक, जिनके पास शक्ति है। अगले 21 दिन प्रतिदिन 9 गरीब परिवारों की मदद करने का प्रण लें। यदि इतना हम कर लें तो मां की कोई आराधना नहीं हो सकती। आसपास जो पशु हैं उनकी भी चिंता करनी है। लॉकडाउन की वजह से जानवारों के सामने भोजन का संकट आ गया है। इस समय केंद्र और राज्य सरकार जितना अच्छा हो सके, उसके लिए भरसक प्रयास कर रही हैं। लेकिन ये कहना सब ठीक होगा यह कहना खुद को धोखा देना होगा। जो मुश्किल हो रही है उसकी फिलहाल 21 दिन है। यदि कोरोना का संकट समाप्त नहीं हुआ, फैलना नहीं रूका तो इतना ज्यादा हो सकता है कि अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता।
प्र. लोग खुद डॉक्टर बनकर इलाज करने लग जाते हैं?
हमें सर्दी-जुकाम, बुखार की दवा खुद लेने की आदत है। रेल के डिब्बे में लोग बिना वजह के डॉक्टरी सलाह देने लगते हैं। हमें कोरोना का इलाज अपने स्तर पर कतई नहीं करना है। घर में रहना है और बिना डॉक्टरी की सलाह के बाद ही करना है। कोई दवा और वैक्सीन अभी तक नहीं बनी है। वैज्ञानिक-डाक्टर तेजी से दवा खोजने की दिशा में काम कर रहे हैं। कृपया डॉक्टर से बात करने के बाद ही दवा लीजिए।