Amritpal Singh: अमृतपाल पर इन एक्ट के तहत मामला दर्ज, लगा NSA, पंजाब में एक दिन और बढ़ी इंटरनेट पर पाबंदी
पंजाब में अब मंगलवार तक के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। वहीं अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह सहित कई अन्य आरोपियों के खिलाफ एनएसए लगा दी गई है। पढ़िए अमृतपाल पर किन एक्ट के तहत दर्ज हैं मामले...;
Amritpal Singh: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को लेकर पूरे पंजाब में बवाल मचा हुआ है। पंजाब में चप्पे-चप्पे पर पुलिस द्वारा सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। ताकि भगोड़े अमृतपाल को गिरफ्तार किया जा सके। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी को लेकर 18 मार्च से ही कार्रवाई शुरू कर दी। हालांकि अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है, लेकिन पुलिस का दावा है कि अमृतपाल जल्द ही पुलिस के गिरफ्त में होगा। दूसरी ओर अमृतपाल के चाचा और ड्राइवर ने सरेंडर कर दिया है। चाचा हरजित सिंह और ड्राइवर दोनों अमृतपाल की मर्सिडीज कार से खुद को सरेंडर करने पहुंचे थे। पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अमृतपाल के चाचा के खिलाफ एनएसए लगा दिया है। वहीं पंजाब में मंगलवार तक के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दिया गया है।
अमृतपाल के खिलाफ इस एक्ट के तहत हैं केस दर्ज
पंजाब में अमृतपाल की गिरफ्तारी को लेकर कार्रवाई तेज कर दी गई है। पूरे प्रदेश में पुलिस व्यवस्था अलर्ट मोड पर है। डीआईजी स्तर के एक अधिकारी अमृतपाल के सरेंडर के लिए उसके चाचा से नेगोशिएट कर रहे हैं। ऐसे में यह भी आशंका जताई जा रही है कि अमृतपाल जल्द ही खुद को पुलिस के सामने पेश कर सकती है। पुलिस मामले में अमृपाल के समर्थकों पर भी खूब बरस रही है। मामले में अब तक 114 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन अमृतपाल अभी तक पुलिस के पहुंच से दूर है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने अमृपाल के चाचा समेत कई अन्य पर एनएसए लगा दिया है। जबकि अमृतपाल संग उसके कई साथियों के ऊपर पुलिस ने आईपीसी की धाराओं 365, 379 B, 323, 506, 148, 149 के तहत मामला दर्ज किया है। पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह के ही पूर्व करीबी वरिंदर सिंह की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया था। बता दें कि अमृतपाल और उसके समर्थकों ने अपने गिरफ्तार साथी को छुड़ाने के लिए अजनाला थाना पर हमला कर दिया था। इस हमले में 6 पुलिस वाले घायल हो गए थे। तब से ही पुलिस की कार्रवाई शुरू हो गई है।
एनएसए लगने पर क्या है सजा का प्रावधान
एनएसए ऐसे बदमाशों के ऊपर लगाया जाता है जो देश विरोधी गतिविधि में शामिल होते हैं। नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत कार्रवाई तब की जाती है जब कोई व्यक्ति देश की सुरक्षा को खतरा पहुंचाता है। अगर अदालत में इसे साबित कर दिया जाए तो दोषी को एक साल तक जमानत नहीं मिलती है। इस केस में कोर्ट तब तक आरोपी को जमानत नहीं देती है जब तक लगे कि वह देश के लिए खतरा है।