Rajasthan Election 2023: बीजेपी हिंदुत्व के कार्ड पर लड़ेगी राजस्थान चुनाव, एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को नहीं दिया टिकट
Rajasthan Election 2023: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी ने 30 सालों में पहली बार किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा है। इस बार पार्टी ने चुनाव में हिंदुत्व कार्ड खेला है।;
Rajasthan Election 2023: भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान के 200 विधानसभा क्षेत्रों में से किसी में भी मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा है, जहां 25 नवंबर को चुनाव होंगे। हालांकि, 2018 के चुनावों में पार्टी ने मुस्लिम समुदाय के यूनुस खान को मैदान में उतारा था। टोंक सीट से, जो वह कांग्रेस के सचिन पायलट से हार गए। हालांकि, इस बार उनका टिकट काट दिया गया है। युनूस की जगह पार्टी ने किसी भी नए मुस्लिम चेहरे को मौका नहीं दिया, जबकि राजस्थान की आठ से दस जिलों की 35 सीटों पर मुस्लिमों का काफी प्रभाव है। इतना ही नहीं, तीन मुस्लिम बहुल सीटों पर संतों को उतारकर भाजपा ने सियासी संदेश देने की कोशिश की है।
बीजेपी का सियासी संदेश
भैरोंसिंह शेखावत (Bhairon Singh Shekhawat) के कार्यकाल में भाजपा हिन्दू तीर्थ पुष्कर से रमजान खान को बतौर उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारती थी। शेखावत सरकार में उन्हें मंत्री पद भी दिया गया था। राजस्थान में बीजेपी की सरकार आने के बाद वसुंधरा राजे ने युनूस खान को टोंक से मैदान में उतारा। तब से युनूस भाजपा से चुनाव लड़ते आ रहे थे। वसुंधरा के दोनों कार्यकाल में ताकतवर मंत्री भी रहे, लेकिन अब टिकट कट गया। युनूस के अलावा हबीबुर्रमान भी भाजपा से विधायक रहे हैं। साल 2018 में पार्टी ने उन्हें भी टिकट नहीं दिया था और किसी अन्य उम्मीदवार पर भरोसा जताया था। वसुंधरा के समय में सगीर खान को धौलपुर से टिकट मिलता था।
बीजेपी के महंत उम्मीदवार
महंत प्रताप पुरी को पोकरण विधानसभा से मैदान में उतारा है। वह पहले भी विधायक के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने उन पर फिर से दांव खेला है। दूसरी ओर हवा महल से बालमुकुंद आचार्य को भी पार्टी ने टिकट दिया है। बालमुकुंद की तरफ से कहा गया कि इस बार बीजेपी ने एक सनातनी कार्यकर्ता पर भरोसा जताया है। पिछले पांच साल से वह परकोटे में कार्य कर रहे हैं। वही अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ को तिजारा से मैदान में उतारा गया है। वह नाथ संप्रदाय से संबंध रखते हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ भी इसी संप्रदाय से ताल्लुक रखते हैं।