Rajasthan Elections: बीजेपी नेता का कांग्रेस पर काउंटर अटैक, बोले-राजस्थान में तीन गुट लड़ रहे चुनाव
Rajasthan Elections: राजस्थान विधानसभा चुनाव में अब बस कुछ ही दिनों का समय बाकी है। इसी बीच, बीजेपी के नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि राज्य में तीन गुट चुनाव लड़ रहे हैं। पढ़ें रिपोर्ट...;
Rajasthan Elections 2023: राजस्थान विधानसभा 2023 में चुनाव प्रचार ने गति पकड़ ली है। वार-पलटवार का दौर शुरू हो गया है। बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि राजस्थान में 3 अलग-अलग कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ रही हैं। एक है गहलोत की कांग्रेस, दूसरी है पायलट की कांग्रेस और तीसरी है परिवारवादी कांग्रेस। उन्होंने आगे कहा कि ऐसी चर्चाएं हैं कि टिकट बंटवारे के दौरान वहां राहुल गांधी और अशोक गहलोत के बीच तनातनी थी। राहुल गांधी गहलोत सरकार के लिए चुनाव प्रचार करने नहीं आए। राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा की जगह कांग्रेस जोड़ो यात्रा निकाल रहे होंगे।
होर्डिंग्स और बैनर को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में वार-पलटवार
राजस्थान में आगामी चुनाव पर सोमवार देर रात केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि उनका चेहरा कौन है। क्या आपने घोषणा कर दी है कि ये गहलोत हैं। आपके (Congress) पोस्टरों में राहुल गांधी, सोनिया गांधी, खरगे या पायलट की कोई तस्वीर नहीं है, सिर्फ गहलोत की ही तस्वीर है।
कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने पलटवार करते हुए कहा कि 15 फीसद जनता भी नहीं जानती कि भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन है। अगर कुछ भी अच्छा होता है तो पीएम मोदी की फोटो होती है, अगर कुछ भी बुरा होता है तो नड्डा की फोटो सामने आती है। उन्हें देश की आर्थिक स्थिति के बारे में चिंता करनी चाहिए। कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने आगे कहा कि वैश्विक भूख सूचकांक में 125 देशों में से हम 111वें नंबर पर मौजूद हैं। भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले 83.50 पर है। वे कहते थे कि जब प्रधानमंत्री सत्ता में आएंगे तो यह 15 रुपए हो जाएंगा। उन्हें इनकी चिंता करनी चाहिए ना कि इसकी कि किसका फोटो कहां है।
कांग्रेस में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं
कांग्रेस पार्टी में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बहस जगजाहिर है। वहीं, इस पर कांग्रेस नेता पायलट का कहना है कि कांग्रेस हमेशा ही चुनाव जीतने के बाद विधायक दल और पार्टी मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला करती है। वहीं, उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस में कोई अशोक गहलोत गुट या सचिन पायलट गुट नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं यह बात जनता से हमें मिली प्रतिक्रिया के आधार पर कह रहा हूं।
गहलोत के करीबी धारीवाल को टिकट मिलने में देरी
कांग्रेस की पहली सूची जारी होने के साथ ही सियासत की नजरें गहलोत के तीन करीबी शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र सिंह राठौड़ को लेकर टिकी हुई थी। सूची दर सूची सामने आने के बाद भी इन तीनों के नाम को लेकर कोई घोषणा नहीं हुई। इधर, सियासत में इस बात को लेकर जमकर चर्चा हो रही है कि शांति धारीवाल, जिन्होंने गत वर्ष 25 सितंबर को दिल्ली से आए पर्यवेक्षकों की जमकर बगावत की। इसको लेकर उन्होंने हाई कमान को भी चुनौती दी। जिससे सोनिया गांधी भी धारीवाल से नाराज थी। इसका संकेत बीते दिनों केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में भी देखने में आया था।
उधर, सचिन पायलट भी धारीवाल से काफी खफा थे। इसको लेकर सियासत में इस बात की चर्चा है कि, टिकट चयन के दौरान सचिन पायलट ने धारीवाल के टिकट को लेकर विरोध जताया। इसके कारण धारीवाल को सातवीं सूची तक अपने टिकट के लिए इंतजार करना पड़ा।