राजस्थान में अवैध खनन के खिलाफ 550 दिनों तक साधुओं के तप का दिखा असर, सीएम अशोक गहलोत ने दिया आदेश
राजस्थान में ब्रज चौरासी कोस की परिक्रमा के पहाड़ों पर अवैध खनन के विरोध में पिछले 550 दिनों से साधु-संत आंदोलन पर थे। अब गहलोत सरकार ने उनकी सुध ली है। पढ़िये इसके पीछे की वजह...;
राजस्थान (Rajasthan) में ब्रज चौरासी कोस की परिक्रमा के पहाड़ों पर अवैध खनन (Illegal Mining) के विरोध में पिछले 550 दिनों से आंदोलन पर बैठे साधुओं की गहलोत सरकार (Gehlot Government) ने सुध ली है। बुधवार को एक आंदोलनरत साधु की खुद को जलाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया, जबकि एक दिन पहले टॉवर पर चढ़कर सुसाइड करने का प्रयास किया। इन दो घटनाओं से सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने केवल ब्रज चौरासी ही नहीं बल्कि संपूर्ण राज्य में अवैध खनन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राजस्थान के भरतपुर जिले के डीग तहसील के पसोपा गांव में अवैध खनन के अलावा वनों की कटाई और ओवरलोडिंग के विरोध में साधु-संत पिछले करीब 550 दिन से आंदोलन पर थे। बीते मंगलवार को साधु नारायण दास मोबाइल टावर पर चढ़ गए और चेतावनी दी कि अगर मांग नहीं मानी तो जान दे देंगे। उन्हें समझाने के बाद बुधवार को नीचे उतारा तो विजय बाबा ने स्वयं पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आत्मदाह करने का प्रयास किया। साधु-संतों के गुस्से को देखकर मंत्री विश्वेंद्र सिंह उनसे मिलने पहुंचे और उनकी मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया। इसके बाद साधु-संतों ने भी आंदोलन समाप्त करने की बात पर सहमति जता दी।
यह दिया आश्वासन
पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने साधु-संतों को भरोसा दिलाया कि खनन क्षेत्र के इलाके को 15 दिन में वन क्षेत्र घोषित किया जाएगा। उन्होंने वन कटाई को रोकने और ओवरलोडिंग पर नकेल लगाने की मांगों को भी पूरा किया जाएगा। उधर, राज्य के सीएम अशोक गहलोत ने भी इन दोनों घटनाओं का संज्ञान लिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि संपूर्ण राज्य में अवैध खनन, अवैध वन कटाई और ओवरलोडिंग करने वालों पर सख्ती से निपटा जाए।
यहां हो रहा सबसे ज्यादा खनन
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी विधायक संदीप शर्मा के एक सवाल के जवाब में सरकार ने विधानसभा सत्र के दौरान खनन की जानकारी दी थी। राजस्थान में सबसे अधिक अवैध खनन गहलोत सरकार में खान मंत्री प्रमोद जैन भाया के बारां जिले में हो रहा है। दूसरे नंबर पर मंत्री शांति धारीवाल के कोटा जिले में हो रहा है। प्रदेश में जनवरी 2020 से जनवरी 2022 तक दो सालों में अवैध खनन के 4,868 मामले सामने आए हैं। इस दौरान खान विभाग ने 1303 और वन विभाग ने 3565 मामले अवैध खनन को लेकर दर्ज किए हैं।