केंद्र सरकार ने की चंबल एक्सप्रेस-वे की घोषणा, राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच की यात्रा को बनाएगा आसान
राजस्थान व मध्य प्रदेश के बीच आवागमन को सुगम बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक नए मार्ग चंबल एक्सप्रेस-वे की घोषणा शनिवार को की।;
राजस्थान व मध्य प्रदेश के बीच आवागमन को सुगम बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक नए मार्ग चंबल एक्सप्रेस-वे की घोषणा शनिवार को की। इसकी घोषणा केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उस वक्त की जब वह भारतीय जनता पार्टी की 'राजस्थान जनसंवाद वर्चुअल रैली' को संबोधित कर रहे थे।
पिछड़े इलाकों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेस-वे
नितिन गडकरी ने कहा कि चंबल एक्सप्रेस-वे से राजस्थान और मध्य प्रदेश प्रदेश के बीच सीधा संपर्क स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि यह एक्सप्रेस-वे छह हजार करोड़ की लागत से 280 किलोमीटर लंबा बनाया जा रहा है। यह एक्सप्रेस-वे चंबल नदी के समानांतर शिवपुरी, भिंड, मुरैना से होकर कोटा (राजस्थान) तक जाएगा। साथ ही यह एक्सप्रेस-वे उत्तर दक्षिण कॉरीडार को पूर्व पश्चिम कॉरीडार से जोड़ेगा और इससे इलाके का समग्र विकास होगा।
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित एक्सप्रेसवे की लंबाई राजस्थान में 85 किलोमीटर व मध्य प्रदेश में 195 किलोमीटर है। इसकी 80 प्रतिशत भूमि सरकारी है। जल्द ही इसे अंतिम रूप देकर काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह चंबल एक्सप्रेस वे राजस्थान व मध्य प्रदेश के पिछड़े इलाकों से होकर गुजरेगा और इन क्षेत्रों का विकास होगा।
एक्सप्रेस-वे बनने से ये होगा फायदा
1. पिछड़े क्षेत्र के सैकड़ों गांव मुख्यधारा में आ जाएंगे। साथ ही ये उत्तरप्रदेश और राजस्थान से भी सीधे जुड़ पाएंगे।
2. वाहनों को कम दूरी तय करनी होगी। इससे पेट्रोल और डीजल के खर्चे में भी कमी आएंगे।
3. पुराने पर्यटन केंद्रों और एतिहासिक स्थलों का भी विकास हो सकेगा।
4. अनुपयोगी जमीनों पर इंडस्ट्रीज भी बन सकेंगे। इससे आम लोगों के जीवन में सुधार आएगा।