राम मंदिरः दोनों पक्षों के पास नहीं पर्याप्त सबूत, एएसआई की रिपोर्ट पर टिका मामला

अयोध्या में राम जन्म स्थान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। जस्टिस बोगडे ने कहा कि दोनों पक्षों के पास पर्याप्त सबूत नहीं हैं। जिसके कारण पूरा मामला एएसआई की रिपोर्ट पर टिका हुआ है।;

Update: 2019-09-27 07:03 GMT

अयोध्या में राम जन्म स्थान और बाबरी मस्जिद को लेकर सुनवाई चल रही है। जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस बोगड़े ने कहा है कि अभी तक की सुनवाई में दोनों पक्ष पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर सके हैं। दोनों पक्षों की तरफ से दी गई दलील और सबूतों के आधार पर किसी निर्णय पर पहुंचना मुश्किल है। पूरा मामला एएसआई की रिपोर्ट पर टिका हुआ है।

मालूम हो कि राम मंदिर और बाबरी मस्जिद को लेकर रोजाना सुनवायी हो रही है। सुप्रीम कोर्ट के जज की तरफ से अहम टिप्पणी शुक्रवार को सुनवायी के दौरान की गई है। दोनों पक्षों की तरफ से मामले में पेश सबूतों को अपर्याप्त बताया है। मालूम हो कि अयोध्या में राम जन्म भूमि मंदिर और बाबरी मस्जिद को लेकर 18 अक्टूबर तक का वक्त निर्धारित किया गया है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा।

मस्जिदों पर होता है कमल का फूल

राम मंदिर पर सुनवायी के दौरान जस्टिस बोबडे ने पूछा कि क्या मस्जिदों पर भी कमल का फूल होता है। जिसके बाद वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि हो सकता है मस्जिद पर कमल का फूल बनाया गया हो। क्योंकि इस्लाम में कमल के फूलों का प्रतीक चिन्ह के तौर पर इस्तेमाल होता रहा है। 

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