रणदीप सुरजेवाला का आरोप, मोदी सरकार सेना के अधिकारियों का मनोबल तोड़ने का षड्यंत्र रच रही
मोदी सरकार की नई प्रस्तावना अनुसार केवल उस सैन्य अफसर को पूरी पेंशन मिलेगी जिसने 35 साल से अधिक सेना की सेवा में बिताए हो सेना के 90% अफसर तो 35 साल की सेवा से पहले ही रिटायर हो जाते है।;
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आज मीडिया को संबोधित करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर सेना विरोधी कार्य का आरोप लगाया है। रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि शहीद सैनिकों की वीरता व राष्ट्रवाद के नाम पर वोट बटोरने वाली मोदी सरकार देश के इतिहास की पहली सरकार बनने जा रही है, जो सीमा पर रोजाना अपनी जान की बाजी लगाने वाले सैन्य अफसरो की पेंशन काटने व 'सक्रिय सेवा' के बाद उनके दूसरे करियर विकल्प पर डाका डालने की तैयारी में है।
एक तरफ तो स्वांग रच प्रधानमंत्री मोदी जी सेना के लिए दिया जलाने की बात करते हैं और दूसरी तरफ साहसी और बहादुर सैन्य अफसरों के जीवन में उनकी पेंशन काट अंधेरा फैलाने का दुस्साहस कर रहे हैं। यही भाजपा का झूठा राष्ट्रवाद है! अपनी जान की बाज़ी लगाकर देश की सेवा करने वाले अधिकारियों की आधी पेंशन काटने की ऐसी निर्मम व निर्दयी प्रस्तावना केवल सेना विरोधी मोदी सरकार ही कर सकती है। आइए इसके महत्वपूर्ण तथ्य जाने।
* अगर मोदी सरकार की प्रस्तावना लागू हो जाएगी, तो सदा के लिए 65% सैन्य अफसरों का दूसरा करियर विकल्प भी खत्म हो जाएगा और सेना से बाहर सिविलियन क्षेत्र में राष्ट्र निर्माण में उनका रचनात्मक सहयोग भी।
* मोदी सरकार की नई प्रस्तावना अनुसार केवल उस सैन्य अफसर को पूरी पेंशन मिलेगी जिसने 35 साल से अधिक सेना की सेवा में बिताए हो सेना के 90% अफसर तो 35 साल की सेवा से पहले ही रिटायर हो जाते है। ऐसे में मोदी सरकार 90% सेना के अफसरों को पूरी पेंशन से वंचित करने का षडयंत्र कर रही है।
* सैन्य अफसरों की सेवाओं की शर्तों को भी बैक डेट से संशोधित नही किया जा सकता है। आज मोदी सरकार सारी सेवा शर्तों को कैसे संशोधित कर सकती है? मैं इल्ज़ाम लगाता हूँ कि मोदी सरकार सेना के अधिकारियों का मनोबल तोड़ने का षड्यंत्र रच रही है!
इसके अलावा रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा है कि जो पीएम 8 हज़ार करोड़ रु. का जहाज खरीद सकता है, साढ़े सात हज़ार करोड़ रु. का इश्तिहार दे सकता है वो सेना की पेंशन क्यों काट रहा है। उन्हें सेना को 50% पेंशन देने में तकलीफ क्या है? सच्चाई तो ये है कि मोदी सरकार लगातार 6 साल से सेना विरोधी कार्य कर रही है।