RBI Repo Rate 2023: आरबीआई ने नहीं बढ़ाया रेपो रेट, महंगा नहीं होगा लोन

भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से गुरुवार के एक बड़ा फैसला सामने आया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत की स्थितियों को देखते हुए रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है।;

Update: 2023-04-06 08:40 GMT

Rbi Repo Rate 2023 : भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से गुरुवार को एक बड़ा फैसला सामने आया है। भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से गठित मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी में लगातार तीन दिनों से रेपो रेट को लेकर चर्चा चल रही थी। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय स्थितियों को देखते हुए रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। हालांकि यह पूरे विश्व स्तर पर देखा जाए तो ग्लोबल स्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं, लेकिन रेपो रेट में बदलाव नहीं किया गया है, जबकि आर्थिक विकास दर को 6.4 फीसद से बढ़ाकर 6.5 फीसद कर दिया गया है। 

RBI ने पिछले वर्ष 6 बार में बढ़ाया था 2.50 फीसद तक रेपो रेट

भारतीय रिजर्व बैंक मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग प्रत्येक दो महीने में एक बार जरूर करती है। इस मीटिंग के जरिए बैंक के ब्याज दर को सुनिश्चित किया जाता है। बता दें कि RBI ने पिछले वित्त वर्ष 2022-23 की पहली मीटिंग अप्रैल-2022  में हुई थी। इसमें RBI ने 4 फीसद ब्याज पर स्थिर रखने का निर्णय लिया था। इसके बाद RBI ने फिर 2 और 3 मई को इमरजेंसी मीटिंग बुलाई, जिसमें रेपो रेट को बढ़ाकर 4.40 फीसद कर दिया था यानि के 0.40 फीसद की बढ़ोतरी कर दी थी। बता दें कि पिछले वित्त वर्ष में रेपो रेट को कुल 6 बार बढ़ाया गया। इन 6 बढ़ोतरी में 2.50 फीसद तक रेपो रेट बढ़ा था। यह सभी बदलाव 3 मई से 08 फरवरी 2023 के बीच किए गए थे।

जानें क्या होता है रेपो रेट

रेपो रेट एक दर होती है, जिसमें RBI सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया अलावा अन्य कमर्शियल बैंकों को पैसा उधार पर देता है। रिवर्स रेपो दर वह दर है, जिस पर कमर्शियल बैंक RBI को अपने पास बचे अधिशेष धन को जमा करते हैं और ब्याज दर अर्जित करने का काम करते हैं।

RBI रेपो रेट क्यों बढ़ने या घटने के कारण

देश के आर्थिक हालात को देखते हुए RBI रेपो रेट जारी करता है। इसे एक महंगाई में शक्तिशाली टूल के रूप में देखा जाता है। जब देश में महंगाई का दर अधिक बढ़ने लगता है, तब RBI रेपो रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है। रेपो रेट ज्यादा होगा तो बैंकों को RBI से मिलने वाला कर्ज महंगा होगा। अब आरबीआई ने रेपो दर में बदलाव न करके बड़ी राहत दी है। साथ ही, आर्थिक विकास दर में 0.1 फीसद की बढ़ोतरी दर्शाता है कि भारत की आर्थिक स्थिति और बेहतर होगी। 

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